नई दिल्लीः दुनियाभर के मौसम में हो रहे बदलाव और आने वाले समय में मौसम के बजलते स्वरूप से होने वाले नुकसान से बचने के लिए मौसम के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण तकनीक विकसित की गई हैं. दुनियाभर में 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है.


इस साल का विषय ‘महासागर, जलवायु और मौसम’ 


विश्व मौसम विज्ञान दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के प्रति लोगों को जागरूक करना है. विश्व मौसम संगठन की ओर से मौसम विज्ञान दिवस मनाए जाने में मुख्य योगदान रहा है. हर साल विश्व मौसम विज्ञान दिवस के दिन विश्व मौसम संगठन एक नया विषय दुनिया के सामने लेकर आता है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने इस साल का विषय ‘महासागर, जलवायु और मौसम’ रखा है.


स्विटजरलैंड में है विश्व मौसम विज्ञान संगठन का मुख्यालय


बता दें कि साल 1950 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन की स्थापना की गई थी. विश्व मौसम विज्ञान संगठन का मुख्यालय जिनेवा, स्विटजरलैंड में है. कई देश विश्व मौसम विज्ञान संगठन के सदस्य हैं जो विश्व मौसम विज्ञान दिवस को विशेष रूप से मनाते हैं. इसके लिए कई प्रकार के आयोजन और कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. जिसमें मौसम के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है.


विश्व मौसम विज्ञान दिवस पर होता है कार्यक्रम का आयोजन


फिलहाल दुनियाभर में 191 देश विश्व मौसम विज्ञान संगठन के सदस्य हैं. वहीं विश्व मौसम विज्ञान संगठन की सबस बड़ी जिम्मेदारी किसी भी प्राकृतिक आपदा की जानकारी पहले देना है. जिसमें बाढ़, भूकंप से लेकर वायुमंडल में होरहे बदलाव भी शामिल हैं. विश्व मौसम विज्ञान दिवस के दिन दुनियाभर में कई प्रकार की डिबेट का भी आयोजन किया जाता है. जिसमें तमाम वैज्ञानिक मिलकर अपने विचार एक-दूसरे के सामने रखते हैं.


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