World Toilet Day: जानें कब हुई थी इसकी शुरूआत, पीएम मोदी ने ट्वीट करके क्या कहा है
हर साल 19 सितंबर को विश्व शौचालय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस साल कोरोना महामारी के कारण वर्ल्ड टॉयलेट डे की थीम ‘ससटेनेबल सैनिटेशन एंड क्लाइमेट चेंज’ रखी गई है. वर्ल्ड टॉयलेट डे लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करता है और विश्व स्तर पर अच्छी हेल्थ के लिए साफ और स्वच्छ टॉयलेट तक पहुंच बनाने के संदर्भ में ध्यान केंद्रित करता है. विश्व शौचालय दिवस पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘ भारत ने # Toilet4All के अपने संकल्प को मजबूत किया है.
विश्व भर में हर साल 19 नवंबर को ‘वर्ल्ड टॉयलेट डे’ ( विश्व शौचालय दिवस) के रूप में मनाया जाता है. इस साल कोरोना महामारी के कारण वर्ल्ड टॉयलेट डे की थीम ‘ससटेनेबल सैनिटेशन एंड क्लाइमेट चेंज’ रखी गई है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक विश्व में आज भी आधी से अधिक आबादी खासतौर पर भारत में लोग बिना शौचालय के जीवनयापन करने को मजबूर है. यह स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खतरनाक है. लोगों को टॉयलेट के इस्तेमाल और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से ही हर साल 19 सितंबर को ‘वर्ल्ड टॉयलेट डे’ के रूप में मनाने की शुरूआत हुई.
विश्व शौचालय दिवस पर पीएम मोदी ने किया ट्वीट
विश्व शौचालय दिवस पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘ भारत ने # Toilet4All के अपने संकल्प को मजबूत किया है. पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों भारतीयों को हाइजीनिक शौचालय उपलब्ध कराने की एक अनूठी उपलब्धि मिली है. इसने विशेष रूप से हमारी नारी शक्ति को गरिमा के साथ जबरदस्त स्वास्थ्य लाभ दिया है.
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने स्वच्छता अभियान की तारीफ की
वहीं केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर कहा कि, पीएम द्वारा शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है जो भारत में पहले कभी नहीं देखा गया है. इस मिशन के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य और पोषण में सुधार हुआ है, साथ ही महिलाओं के लिए गरिमा और आत्म सम्मान भी सुनिश्चित हुआ है.
साल 2001 में हुई थी शुरूआत
‘विश्व शौचालय दिवस’ का इतिहास बहुत ज्यादा पुराना नहीं है. साल 2001 में पहली बार इसकी शुरूआत विश्व शौचालय संगठन ने की थी. साल 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी ‘वर्ल्ड टॉयलेट डे’ मनाने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया था. बता दें कि विश्व शौचालय संगठन एक गैर लाभकारी संस्था है और यह दुनिया भर में स्वच्छता और शौचालय की स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है.
‘विश्व शौचालय दिवस’ मनाने का उद्देश्य
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आज भी विश्व में कई करोड़ लोग शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं या उनके पास इसकी सुविधा नहीं है. ऐसे में इस दिवस को मनाने के पीछे यही उद्देश्य और संदेश है कि विश्व के तमाम लोगों को 2030 तक शौचालय की सुविधा मुहैया करा दी जाए. गौरतलब है कि सयुक्त राष्ट्र के 6 सतत विकास लक्ष्यों में से एक यह भी है.
विश्व की 4.2 अरब आबादी के पास शौचालय की सुविधा नहीं
टॉयलेट का इस्तेमाल करने से न केवल हमारा जीवन सुरक्षित रहता है बल्कि कई बीमारियों के प्रसार का जोखिम भी कम होता है. वहीं संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों पर गौर करें तो तकरीबन 4.2 अरब आबादी आज भी ठीक से शौचालय की सुविधा से महरूम है और गंदगी में जी रही है. वहीं 67.3 करोड़ आबादी खुले में शौच करती है. इतना ही नहीं 3 मिलियन लोगों के पास हाथ धोने की सुविधा नहीं है. चौंकाने वाली बात यह है कि विश्व में हर दिन 1 हजार बच्चों की मृत्यु का कारण खुले में शौच करना है.
ये सब देखते हुए ही विश्व शौचालय दिवस मनाने की शुरूआत हुई. वर्ल्ड टॉयलेट डे लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करता है और विश्व स्तर पर अच्छी हेल्थ के लिए साफ और स्वच्छ टॉयलेट तक पहुंच बनाने के संदर्भ में ध्यान केंद्रित करता है.
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