WTO Ministerial Meeting: विश्व व्यापार संगठन का 12वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन स्विट्जरलैंड (Switzerland) के जिनेवा (Geneva) में चल रहा है. बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) कर रहे हैं. विश्व व्यापार संगठन के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के दूसरे दिन भारत ने खाद्य सुरक्षा (Food Security) को लेकर विकसित देशों की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई. भारत ने यह भी मांग की है कि विकासशील देशों को विकसित देशों से सस्ती दरों पर टीके मिलें. मंत्रिपरिषद में समग्र रूप से भारत की क्या भूमिका है और इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? जानिए हमारी इस खास रिपोर्ट में.   


खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में, खाद्य सुरक्षा और टीकों को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर भारत सहित विकासशील देशों और विकसित देशों के बीच स्पष्ट रूप से अंतर दिख रहा है. सम्मेलन में कोविड स्थिति, रूस-यूक्रेन युद्ध, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भोजन की कमी और बढ़ती कीमतों पर चिंता व्यक्त की गई. भारत खाद्य सुरक्षा, वैक्सीन का स्थायी समाधान चाहता है. 


भारत ने व्यक्त की नाराजगी


भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा न्यूनतम आधार मूल्य पर देश के खाद्यान्न खरीद कार्यक्रम की सुरक्षा है. भारत को खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक भंडारण की समस्या का स्थायी समाधान खोजने की जरूरत है. मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में कई मुद्दों पर बातचीत चल रही है इनमें सबसे अहम खाद्य सुरक्षा का मुद्दा है. दूसरी ओर, भारत ने विश्व व्यापार संगठन के कोविड महामारी की चुनौतियों का सामना करने में विफल रहने पर नाराजगी व्यक्त की है. भारत ने साथ ही सतर्क भूमिका निभाने के लिए विश्व व्यापार संगठन की आलोचना की, जब कुछ दवा कंपनियां कोरोना महामारी के मद्देनजर मुनाफाखोरी पर विचार कर रही थीं. मुख्य रूप से भारत ने पेटेंट में छूट की मांग की है. 


वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कही ये बात


वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने भी विकासशील और गरीब देशों को रियायतें देने और ऐसे कठिन समय में विकसित देशों से पैसा उधार लेने के बजाय इलाज और निदान पर ध्यान देने की सलाह दी. गोयल ने ये भी कहा कि जब तक महामारी का प्रावधान नहीं किया जाता है, तब तक इसका सामना करना मुश्किल होगा. विकासशील देश और विकसित देश विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (WTO Ministerial Meeting) में एक-दूसरे का सामना कर रहे हैं. जबकि विकसित देश व्यापार के संदर्भ में सोचते हैं, विकासशील देश अपने नागरिकों और जीवित रहने के लिए संघर्ष करने वाले सभी लोगों के हितों के बारे में सोचते हैं. 'वसुधैव कुटुम्बकम' के हित में दोनों पक्ष क्या निर्णय लेते हैं? देखना जरूरी होगा. 


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