![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
World Water Day 2019: बूंद-बूंद पानी बचाने की जद्दोजहद शुरू करें, वरना भविष्य होगा खतरनाक
एक अनुमान के मुताबिक 2.1 अरब लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता. वह गंदा पानी पीने पर मजबूर हैं जिसकी वजह से उन्हें कई गंभीर बीमारी हो जाती है.
![World Water Day 2019: बूंद-बूंद पानी बचाने की जद्दोजहद शुरू करें, वरना भविष्य होगा खतरनाक World Water Day 2019 Global water crisis all you need to know World Water Day 2019: बूंद-बूंद पानी बचाने की जद्दोजहद शुरू करें, वरना भविष्य होगा खतरनाक](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/03/22095631/water.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
World Water Day 2019: 'व्यर्थ करोगे जल तो तरसोगे तुम कल' यह पंक्ति सिर्फ एक पंक्ति नहीं बल्कि वह सच्चाई है जिससे आज हमारा मुंह मोड़ना आने वाली पीढ़ी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. आज विश्व के कई देश जल की गंभीर संकट से गुजर रहे हैं. आज जब पूरी दुनिया में विश्व जल दिवस के रूप में मना रही है तो ऐसे में पानी का संकट कितना गहरा है इस पर चर्चा करना जरूरी है.
बता दें कि पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है. 1.6 प्रतिशत पानी ज़मीन के नीचे है और 0.001 प्रतिशत वाष्प और बादलों के रूप में है. पृथ्वी की सतह पर जो पानी है उसमें से 97 प्रतिशत सागरों और महासागरों में है जो नमकीन है और पीने के काम नहीं आ सकता.
केवल तीन प्रतिशत पानी पीने योग्य है जिसमें से 2.4 प्रतिशत ग्लेशियरों और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा हुआ है और केवल 0.6 प्रतिशत पानी नदियों, झीलों और तालाबों में है जिसे इस्तेमाल किया जा सकता है. इन आकड़ों को देखा जाए तो पानी के महत्व को समझा जा सकता है.मानव शरीर में लगभग 60 प्रतिशत जल होता है
मानव शरीर में लगभग 60 प्रतिशत जल होता है. वहीं मस्तिष्क में 85 प्रतिशत जल है जबकि खून में 79 प्रतिशत जल है. फेफड़ों में भी लगभग 80 प्रतिशत जल होता है. यानि साफ है पानी खाने से भी ज्.ादा जीने के लिए महत्वपूर्ण है.
2.1 अरब लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता
एक अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में 2.1 अरब लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता. वह गंदा पानी पीने पर मजबूर हैं जिसकी वजह से उन्हें कई गंभीर बीमारी हो जाता है और कई लोगों की मौत भी इससे हो जाती है.
भारत में भी पानी का गंभीर संकटदेश में पानी की मांग लगातार बढ़ रही है. जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है वैसे-वैसे पानी का उपयोग भी बढ़ रहा है. इसके साथ ही औद्योगिकीकरण में वृद्धि और कृषि में विस्तार होने से जल की मांग बढ़ती जा रही है. लिहाजा जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई है.
वाटर एड संस्था की रिपोर्ट के अनुसार विश्व के कुल जमीनी पानी का 24 फीसदी भारतीय उपयोग करते हैं. देश में 1170 मिमी औसत बारिश होती है, लेकिन हम इसका सिर्फ 6 फीसदी पानी ही सुरक्षित रख पाते हैं. ऐसे में भविष्य में संकट गंभीर न हो इसलिए हमें पानी के संरक्षण पर अभी से ध्यान देने की जरूरत है वरना बिन पानी सब सून हो जाएगा.
कब से मनाया जा रहा है “विश्व जल दिवस”
बता दें कि ब्राजील में रियो डी जेनेरियो में साल 1992 में आयोजित पर्यावरण और विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन कार्यक्रम में विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई थी. इसी के परिणामस्वरूप 1993 में 22 मार्च को पहली बार “विश्व जल दिवस” का आयोजन किया गया. तबसे हर साल 22 मार्च को “विश्व जल दिवस” मनाया जाता है.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. अमित सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/8c07163e9831617114971f5a698471b5.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)