Jammu Kashmir Encounter: जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में सेना के डॉग स्क्वॉड का जांबाज फैंटम शहीद हो गया. भारतीय सेना ने बुधवार (30 अक्टूबर) को अखनूर मुठभेड़ में शहीद हुए डॉग 'फैंटम' को श्रद्धांजलि दी और उसके बलिदान को सलाम किया. दरअसल, 30 अक्टूबर को उधमपुर में सेना के कुत्ते फैंटम के लिए श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया.
सोमवार सुबह जम्मू-कश्मीर के अखनूर के सुंदरबनी सेक्टर के आसन के पास आतंकियों के खिलाफ किए गए ऑपरेशन में फैंटम डॉग ने सर्वोच्च बलिदान दिया था. भारतीय सेना ने आर्मी के काफिले पर हमला करने वाले तीनों आतंकवादियों को एआई और मानव रहित वाहनों का इस्तेमाल कर के मार गिराया गया और कई हथियार भी बरामद किए.
फैंटम ने खाईं दुश्मनों की गोलियां!
इस ऑपरेशन के दौरान सेना के जब जवान आतंकियों के करीब पहुंच रहे थे, उस समय फैंटम दुश्मनों की गोलीबारी का सामना कर रहा था जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया और जान गंवा दी. बेल्जियम मेलिनोइस नस्ल का यह डॉग 25 मई, 2020 को पैदा हुआ था और उसे 12 अगस्त, 2022 को सेना में तैनात किया गया था.
सेना का कैसे अहम हथियार बना फैंटम डॉग?
बेल्जियन मैलिनोइस फैंटम के सर्वोच्च बलिदान के कारण ही अखनूर ऑपरेशन सफल रहा. फैंटम ने जंगल इलाके के बीच आतंकवादियों के निशान को ट्रैक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जैसे-जैसे ऑपरेशन आगे बढ़ा, फैंटम ने छिपे हुए विस्फोटकों का पता लगाया और संभावित भागने के रास्तों की पहचान की, जिससे सैनिकों को घेराबंदी को मजबूत करने में मदद मिली.
हमने एक आर्मी डॉग खो दिया - मेजर जनरल
अखनूर मुठभेड़ पर भारतीय सेना के मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव ने कहा कि ऑपरेशन में हमने मानव रहित वाहन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का यूज किया है जिससे हमें तुरंत और सफल परिणाम मिले. हमने एक आर्मी डॉग फैंटम को खो दिया, जब हम सर्च ऑपरेशन कर रहे थे तो वह आगे था और आतंकवादियों ने डॉग पर गोलियां चलाईं. उसके बलिदान के कारण ही कई लोगों की जान बचाई जा सकी.
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