Wrestler Protest: भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी. पुलिस की तरफ से शुक्रवार (28 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी गई.


पुलिस ने यह जवाब महिला पहलवानों ने याचिका पर दिया है. इस याचिका में कहा गया था कि 7 खिलाड़ियों ने कुश्ती संघ अध्यक्ष के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर नहीं लिखी.  26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने खिलाड़ियों की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था. शुक्रवार को (28 अप्रैल) दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि मामला संज्ञेय अपराध का है. इसमें आज ही एफआईआर दर्ज होगी.


खिलाड़ियों के वकील ने क्या कहा?
दिल्ली पुलिस के जवाब के बाद खिलाड़ियों के लिए पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उन्हें सुरक्षा देने की मांग की. सिब्बल ने कहा कि नाबालिग शिकायतकर्ता की सुरक्षा को खतरा है. बाकी 6 शिकायतकर्ताओं को भी खतरा है. इस पर सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि इसे दिल्ली पुलिस कमिश्नर के ऊपर छोड़ दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि पुलिस कमिश्नर नाबालिग खिलाड़ी समेत सभी सातों शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा की समीक्षा करें और उन्हें सुरक्षा देने पर विचार करें.


क्या दलील दी गई? 
कपिल सिब्बल ने खिलाड़ियों की शिकायत पर जांच के लिए एसटीएफ के गठन और जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज को सौंपने भी मांग की. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इसका कड़ा विरोध किया.  उन्होंने कहा, "खिलाड़ियों की आड़ लेकर यहां कुछ दूसरी ही बातें कही जा रही हैं. अगर किसी अपराध की शिकायत दर्ज नहीं होती है, तो उसके लिए सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत मजिस्ट्रेट के पास जाते हैं. सीधा सुप्रीम कोर्ट नहीं आते. पुलिस जब खुद एफआईआर की बात कर रही है तो यहां नई दलीलें दी जा रही हैं."


इस पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे और कोई आदेश नहीं देने जा रहा है. सुनवाई अगले शुक्रवार के लिए टाली जा रही है. उस दिन मामले पर आगे विचार किया जाएगा.


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