AAP Support Wrestlers Protest: दिल्ली के जंतर-मंतर धरने पर बैठे खिलाड़ियों के समर्थन में कई राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोग जंतर-मंतर पहुंच रहे हैं. ऐसे में एक पार्टी ऐसी है जिसके प्रतिनिधि लगातार हर-दूसरे दिन इन खिलाड़ियों के बीच जंतर-मंतर पर नजर आ जाते हैं. ये आम आदमी पार्टी है.
दरअसल, धरने पर बैठे इन पहलवानों के समर्थन में उतरे हर राजनीतिक दल पर बीजेपी आरोप लगा रही है कि इस पूरे धरने के पीछे राजनीति एक बड़ा मुद्दा है और कई राजनीतिक दल इसके जरिए अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. यही आरोप आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी लग रहा है.
कैसे शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर?
इसकी शुरुआत 28 अप्रैल को तब हुई जब दिल्ली सरकार के दो मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी धरने पर बैठे पहलवानों से मिलने के लिए जंतर मंतर पहुंच गये और पहलवानों को सरकार से पूरी मदद देने का भरोसा दिया. इसके ठीक अगले दिन आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल खुद ही जंतर-मंतर खिलाड़ियों से मिलने पहुंच गए.
इस दौरान केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधने के साथ-साथ खिलाड़ियों को ये भरोसा दिलाया कि जब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी है दिल्ली की केजरीवाल सरकार उनकी पूरी मदद करेगी. इसके बाद आम आदमी पार्टी का हर नेता किसी न किसी वजह से जंतर मंतर पर खिलाड़ियों के साथ खड़ा नज़र आया. वहीं आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने भी 360 गांव के जनप्रतिनिधियों के साथ इन खिलाड़ियों को समर्थन देने का दावा भी किया.
पहलवानों को आप का समर्थन और इसके मायने
अब सवाल यह उठ रहा है कि आम आदमी पार्टी की पूरी मशीनरी आखिर क्यों धरने पर बैठे इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बड़ा और आक्रामक बनाने की कोशिशों में लगी हुई है? आखिर आम आदमी पार्टी को इस धरने से ऐसा कौन सा फायदा मिलने जा रहा है जिसकी वजह से खुद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को जंतर-मंतर इनके समर्थन में पहुंचना पड़ा.
जानकारों की मानें तो आम आदमी पार्टी खिलाड़ियों के समर्थन में इस जोरशोर से इसलिए खडे नज़र आ रहे हैं क्योंकि पार्टी को लगता है कि इस मुद्दे के बलबूते वो 2024 के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा खोल सकती है. ये ऐसा मुद्दा है जिसका फायदा आप न सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनाव में उठाने की तैयारी में है बल्कि लोकसभा चुनाव के ठीक बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी पार्टी इसका भरपूर फायदा उठाने की कोशिश करेगी.
हरियाणा में इसका फायदा पार्टी को इसलिए भी मिल सकता है, क्योंकि धरने पर बैठे सभी पहलवान हरियाणा से ही आते हैं. यही वजह है कि बीजेपी अब आम आदमी पार्टी पर खिलाड़ियों के इस धरने को कैप्चर करने का आरोप लगाया है.
आम आदमी पार्टी और बीजेपी आमने-सामने
दिल्ली से बीजेपी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि केंद्र सरकार पहलवानों और महिलाओं के मामले में संजीदा है. इसके लिए दो कमेटी भी बनाई गई हैं, सुप्रीम कोर्ट में भी मामला गया और जांच भी हो रही है. आप पर निशाना साधते हुये मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जो लोग ईडी एक्साइज घोटाले और शीश महल में फंसे हुए हैं वो जब धरने में पहुंचते हैं तो इसकी क्रेडीबिलिटी पर सवाल उठता है.
आप नेता सौरभ भारद्वाज, आदिल, नीरज और संदीप की मीटिंग हुई, पगड़ी के लिए पैसा इकट्ठा हुआ. ऐसी गतिविधियों के लिए जब यह सब होगा तो सवाल उठेगा ही. इसके साथ ही सोमनाथ भारती पत्नी की घरेलू हिंसा में फंसे हुए व्यक्ति हैं, वो क्या करेंगे.
क्या कहना है आप का?
हालांकि, इस पूरे मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिये. आप के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि मैंने कल भी कहा था कि बीजेपी के सांसद, विधायक और पदाधिकारी जंतर मंतर पहुंचें, खिलाड़ियों के साथ खड़े हों, ऐसे में आप का एक भी पदाधिकारी वहां नहीं जाएगा. खिलाड़ी अकेले नहीं हैं, रात की घटना के बाद देश भर से आवाज उठ रही है.
बीजेपी वहां से भाग रही है और खिलाड़ियों को भी भगाना चाह रही है. गोपाल राय ने कहा कि कल खिलाड़ियों का सिर फोड़ दिया गया. पुरुष पुलिस कर्मियों ने महिला खिलाड़ियों को मारा. इस घटना का जवाबदेह कौन है. कोर्ट के फैसले पर पर जो भी निर्णय करना होगा, वो खिलाड़ी ही करेंगे.
पहलवानों का क्या कहना है?
पहलवानों के धरने को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच चल रहे इस वाद- विवाद पर धरने पर बैठे खिलाड़ियों ने कहा कि हर पार्टी अपनी-अपनी तरह से इस पर राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है, लेकिन ये राजनीति का अड्डा नहीं है. खिलाड़ियों ने कहा कि हम अपनी मांगो को लेकर बैठे हैं जिस किसी को भी हमारा समर्थन करना है, उसका स्वागत है, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
मुद्दा खिलाड़ियों का जरूर है, लेकिन अब इस पर राजनीति होनी शुरू हो चुकी है. जब से धरने पर बैठे खिलाड़ियों ने सभी राजनीतिक दलों को अपने प्रदर्शन में आमंत्रित किया है तभी से सभी पार्टियां लगातार इस कोशिश में लगी है कि वो कैसे इस धरना प्रदर्शन को कैप्चर कर सके.