Wrestlers Protest: 'बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक...', ममता बनर्जी ने पहलवानों के समर्थन में फिर निकाला मार्च
Wrestlers Protest: प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मार्च निकालते हुए कहा कि बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
Mamata Banerjee On Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों का प्रदर्शन जारी है. इसी बीच प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों के समर्थन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी ने गुरुवार (1 जून) को लगातार दूसरे दिन कोलकाता में कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान बनर्जी ने खिलाड़ियों से अपील की.
टीएमसी की चीफ ममता बनर्जी ने कहा, ''मैं उनसे(पहलवान) अनुरोध करूंगी कि आप यह लड़ाई नहीं छोड़े. पहलवान जो भी निर्णय लेंगे उसे देखते हुए हमारा मूवमेंट जारी रहेगा. हम पहलवानों के समर्थन में मोम बत्ती जलाकर गांधी मूर्ति तक जाएंगे. जब तक गिरफ़्तारी नहीं होगी हम नहीं छोड़ेंगे. हम उनसे(पहलवान) बात करेंगे और फिर से हमारी टीम भेजेंगे. पहलवानों के समर्थन के लिए किसी न किसी को सड़क पर उतरना पड़ेगा.'' बनर्जी ने सवाल किया कि आखिर उनकी (बृजभूषण सिंह) गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही.
'हम न्याय चाहते हैं'
बनर्जी ने बुधवार (31 मई) को भी पहलवानों के समर्थन में मार्च निकाला था, इस दौरान उन्होंने अपने हाथ एक तख्ती ले रखी थी जिस पर ‘‘हम न्याय चाहते हैं’’ लिखा था. ये मार्च दक्षिणी हिस्से में हाजरा रोड चौराहे से शुरू हुई और रवींद्र सदन तक गई. इसमें उनके साथ पूर्व महिला फुटबॉल खिलाड़ी कुंतला घोष दस्तीदार, पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी अलवितो डी'कुन्हा, रहीम नबी, दीपेंदु बिस्वास और कई अन्य खेल हस्तियां थी.
मामला क्या है?
पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पूनिया बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक महीने से ज्यादा से प्रदर्शन कर रहे हैं. सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप है. इसको लेकर उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने पॉक्सो एक्ट सहित दो एफआईआर दर्जी की है, लेकिन खिलाड़ी उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं
नई संसद के उद्घाटन के दिन यानी रविवार (28 मई) को जब प्रदर्शनकारी पहलवानों ने संसद की ओर बढ़ने की कोशिश की तो उन्हें रोककर हिरासत में ले लिया गया. इस दौरान धक्का मुक्की भी हुई. इसके बाद खिलाड़ी हरिद्वार में गंगा नदी में मेडल बहाने पहुंचे, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने रोक लिया और पांच दिन का समय मांगा.