Wrestlers Protest: दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश के पहलवानों को धरना देते हुए 12 दिन हो चुके हैं. आज शुक्रवार (5 मई) को 13वें दिन भी पहलवानों ने अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा है. उनका कहना है कि जब तक नयाय नहीं मिल जाता है वह इसी तरह धरने पर बैठे रहेंगे. 3 मई की देर रात प्रदर्शन कर रहे पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच नोक-झोंक के बाद पहलवानों ने यह तक कह दिया था कि अगर अब उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह पदक भी लौटा देंगे.


दरअसल, खिलाड़ियों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. उन्हीं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवानों ने धरना दिया है. पहलवानों ने कहा कि हम जानते हैं कि कोर्ट बिना जांच के पुलिस को किसी को गिरफ्तार करने के लिए नहीं कह सकती. पीड़ितों को पहले अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी. इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट से नाराज नहीं हैं. उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने में मदद की और जांच का काम पुलिस का है. 


पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच हुई थी झड़प 


बता दें कि जंतर-मंतर पर 3-4 मई की दरमियान प्रदर्शनकारी पहलवान और दिल्‍ली पुलिस के जवान आमने-सामने आ गए थे. दोनों के बीच जारी बहसबाजी देखते ही देखते हाथापाई में बलद गई थी. विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया जैसे दिग्गज पहलवानों को इसमें चोटें भी आई हैं. पुनिया ने इस झड़प के बाद भी पदक लौटाने वाला बयान जारी किया था और कहा कि उन लोगों के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया जा रहा है.


पहलवानों के विरोध को लेकर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों से हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है. गुरुवार (4 मई) को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि नाबालिग शिकायतकर्ता को सुरक्षा दी गई है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इस वक्‍त कार्यवाही बंद कर रहे हैं. इसपर पहलवानों ने भी कोई आपत्ति नहीं जताई है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना काम किया है. हमें इस फैसले से हैरानी नहीं हुई है.


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