Brij Bhushan Singh Case: बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिल सकती है. महिला पहलवानों की तरफ से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप में बृजभूषण पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी, लेकिन अब नाबालिग महिला पहलवान की तरफ से अपना बयान वापस ले लिया गया है. जिसके बाद अब सिंह के खिलाफ दायर एफआईआर से पॉक्सो की धाराओं को हटाया जा सकता है. पीड़िता के बयान वापस लेने के फैसले से बृजभूषण सिंह के केस में क्या असर पड़ेगा आइए समझते हैं.
पॉक्सो के तहत हुआ था मामला दर्ज
बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न और तमाम तरह के आरोप लगाए हैं. इनमें एक नाबालिग महिला पहलवान भी शामिल थी, जिसकी शिकायत के आधार पर सिंह के खिलाफ पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया गया था. अब इसी नाबालिग पीड़िता ने अपना बयान वापस लिया है. इस मामले को लेकर हमने वकील मुरारी तिवारी से बातचीत की और समझा कि कैसे ये बृजभूषण के लिए राहत की खबर है.
आरोपी को हो सकता है फायदा
वकील मुरारी तिवारी ने बताया कि इस तरह के मामलों में पीड़िता के बयान से पलट जाने की सूरत में केस पर काफी असर पड़ता है. ऐसे मामलों में आरोपी को इस वजह से फायदा मिलता है क्योंकि पीड़िता के बयानों पर ही संदेह खड़ा हो जाता है. जिसका फायदा आरोपी के वकील कोर्ट में उठा सकते हैं.
वकील ने आगे कहा, हालांकि जिस मजिस्ट्रेट के सामने 164 का बयान दर्ज होता है वह अमूमन पूरे केस की सुनवाई नहीं करता. पुलिस पीड़िता का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करवाकर उसको अपनी चार्जशीट का हिस्सा बनाती है, फिर जिस कोर्ट के सामने पूरे केस की सुनवाई होती है वह तय करता है की 164 का बयान जो वापस लिया गया है उसको स्वीकार किया जाए या नहीं.
गृहमंत्री से हुई मुलाकात
यानी कुल मिलाकर बृजभूषण शरण सिंह के लिए ये एक बड़ी राहत की खबर है, उनके खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई महिला पहलवान प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि आरोपी सिंह को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए. इसे लेकर अब गृहमंत्री अमित शाह ने भी पहलवानों से बातचीत की है. जिसके बाद इस मामले का हल निकल सकता है.
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