Wrestlers Protest: गंगा में मेडल बहाने के ऐलान से लेकर WFI को चेतावनी तक, पहलवानों के 'दंगल' Part-2 की पूरी कहानी
Wrestlers Protest: अपने ऐलान के मुताबिक पहलवान मंगलवार को अपने मेडल बहाने हरिद्वार पहुंचे थे, लेकिन नरेश टिकैत ने उन्हें समझाकर रोक दिया. इस बीच अंतरराष्ट्रीय रेसलिंग बॉडी का बयान भी आया है.
Wrestlers Protest: कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का 'दंगल' जारी है. इस बीच पहलवानों के एक कदम से मंगलवार (30 मई) को दिन भर गहमागहमी की स्थिति बनी रही. पहलवानों ने अपने मेडल गंगा नदी में बहाने का ऐलान किया. तय कार्यक्रम के मुताबिक शाम को पहलवान हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी पर पहुंचे, लेकिन ऐन मौके पर किसान नेता नरेश टिकैत की एंट्री हुई और उन्होंने पहलवानों को समझाकर उन्हें मेडल बहाने से रोक दिया.
इसके साथ ही सरकार को मामला सुलझाने के लिए 5 दिन का अल्टीमेटम दिया. वहीं, रेसलर्स के आंदोलन की गूंज अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई देने लगी है. रेसलिंग के सबसे बड़े संगठन ने भी इस मामले में बयान जारी कर चेतावनी दी है. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने आंदोलन कर रहे पहलवानों के हिरासत में लिए जाने की निंदा की है. संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 45 दिनों के अंदर भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव नहीं होते हैं तो डब्ल्यूएफआई को सस्पेंड किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो भारतीय एथलीट आगे के मैच देश के झंडे के साथ नहीं खेल पाएंगे. उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में न्यूट्रल झंडे के साथ उतरना होगा.
जांच पर जाहिर की निराशा
यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने बयान में कहा है कि भारत की स्थिति पर बड़ी चिंता के साथ नजर बनाए हुए हैं, जहां पर रेसलर्स दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें कहा गया है कि आखिरी दिनों की घटनाएं और चिंतित करने वाली हैं कि पहलवानों को पुलिस ने विरोध मार्च शुरू करने के लिए हिरासत में ले लिया. इसके साथ ही अभी तक जांच के परिणाम को लेकर भी संगठन ने निराशा व्यक्त की है.
पहलवानों ने गंगा में नहीं बहाए मेडल
इसके पहले मंगलवार (30 मई) की शाम को ऐलान के मुताबिक रेसलर्स हर की पौड़ी पर पहुंचे. विनेश फोगाट और साक्षी मलिक गंगा किनारे बैठी ही थीं, तभी नरेश टिकैत भी वहां पहुंच गए. नरेश टिकैट के समझाने पर पहलवानों ने अपना मेडल गंगा में नहीं बहाया. इसके बाद नरेश टिकैत ने पहलवानों से मेडल ले लिया. नरेश टिकैत ने एबीपी न्यूज से बात करते कहा कि खिलाड़ियों ने देश का मान बढ़ाया है. बीजेपी बृजभूषण शरण सिंह को बचाने में लगी है. उन्होंने कहा हमने पहलवानों को समझाया. हम बच्चों (खिलाड़ी) का सिर नीचा नहीं होने देंगे.
बृजभूषण ने गिरफ्तारी पर दिया बयान
इस पूरे घटनाक्रम पर कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा, जांच होने दीजिए. सब कुछ दिल्ली पुलिस के हाथ में है. पहलवानों के निवेदन पर एफआईआर हुई और इस पर जांच चल रही है. मैं क्या मदद कर सकता हूं. ये लोग मेडल गंगा में बहाने गए, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत को दे दिए. मेरा कार्यकाल खत्म हो गया और मैं गलत पाया जाऊंगा तो गिरफ्तार हो जाऊंगा.
मेडल बहाने का किया था ऐलान
बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने मंगलवार (30 मई) को अपने मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया था. सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पत्र शेयर करते हुए पहलवानों ने कहा था, हमारे साथ 28 मई को जो हुआ वो आप सबने देखा. हम महिला पहलवान ऐसा महसूस कर रही हैं जैसे इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं है. पहलवानों ने कहा, क्या खिलाड़ियों ने न्याय मांगकर अपराध कर दिया है.
ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीत के पलों को याद करते हुए खिलाड़ियों ने लिखा, अब लग रहा है कि ये मेडल जीते ही क्यों थे. ये मेडल हमें नहीं चाहिए. इन इन मेडल को आज गंगा में प्रवाहित कर देंगे.
आमरण अनशन की घोषणा
पत्र में आगे कहा गया कि इन मेडल के गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. फोगाट ने कहा, इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी. हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी.
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