Wrestlers Protest: देश के लिए सोना लाने वाली पहलवान बेटियां कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर इस समय दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रही हैं. पहलवानों की लड़ाई को पहली बड़ी सफलता शुक्रवार (28 अप्रैल) को मिली जब कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न मामले में दो एफआईआर दर्ज की. इसमें एक पॉक्सो एक्ट भी है. एफआईआर दर्ज होने के बाद कुश्ती महासंघ के चीफ ने अपने इस्तीफे को लेकर बड़ा बयान दिया है. सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वह इस्तीफा देने को तैयार हैं.


जी न्यूज से बात करते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली पुलिस की जांच पर कोई सवाल नहीं उठा रहे हैं. पहलवानों के इस्तीफे की मांग के सवाल पर बीजेपी नेता ने कहा कि अगर मेरे इस्तीफे से ये खिलाड़ी धरना समाप्त करते हैं, घर जाते हैं, प्रैक्टिस करते हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है और अगले चुनाव के साथ अपने आप ही उनका इस्तीफा हो जाएगा. नए चुनाव तक वह सिर्फ कार्यवाहक की भूमिका निभा रहे हैं.


आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह ने उठाया सवाल


इसके साथ ही कुश्ती महासंघ अध्यक्ष ने आरोपों को गलत बताते हुए खिलाड़ियों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि 2012 से 2023 तक इनके साथ गलत होता रहा, लेकिन इसकी शिकायत न तो खेल मंत्रालय से की, न पुलिस स्टेशन में की, न भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) में की, अचानक जनवरी महीने में खिलाड़ी सीधे शिकायत लेकर जंतर-मंतर पहुंचे. बीजेपी सांसद ने कहा कि अगर ये आज की बजाय जनवरी में ही थाने गए होते तो उसी समय इनकी एफआईआर हो गई होती.


उन्होंने आगे कहा कि अब मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है. हम न्यायपालिका का पूरा सम्मान करते हैं. दिल्ली पुलिस की विवेचना पर हमारा कोई सवाल नहीं है. पहले भी जब ओवरसाइट कमेटी बनी थी, तब भी हमने कोई सवाल नहीं किया था. आईओए की कमेटी बनी तो भी हमारा कोई सवाल नहीं था और आज भी मेरे कोई सवाल नहीं हैं.


एक परिवार और एक अखाड़े के खिलाड़ी


हरियाणा बनाम यूपी के सवाल पर बीजेपी नेता ने कहा कि हरियाणा के खिलाड़ी हमसे नाराज नहीं है. सिंह ने बताया कि जितने भी खिलाड़ी प्रदर्शन कर रहे हैं, वे एक ही परिवार और एक ही अखाड़े से संबंधित हैं. उन्होंने सवाल किया कि कैंप में हरियाणा के और दूसरे भी राज्यों के बच्चे रहते हैं. देश के किसी भी बच्चे के साथ ऐसी घटना क्यों नहीं घटी. ऐसा केवल इनके ही साथ क्यों हुआ? उन्होंने यह भी कहा कि जब घटना घटी को शिकायत के लिए खेल मंत्रालय, पुलिस थाने या मीडिया के पास जाने के बजाय ये जंतर-मंतर पर जाते हैं.


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