Anurag Thakur On Wrestlers Protest: सरकार ने पहलवानों को बातचीत के लिए फिर आमंत्रित किया है. इस बात की जानकारी केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है. खेल मंत्री ने ट्वीट किया, ''सरकार पहलवानों से उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है. मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है.''


इससे पहले ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने मीडिया को जानकारी दी थी कि शनिवार (3 जून) रात पहलवानों और उनके कोचों की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात हुई थी. पूनिया ने कहा था कि गृह मंत्री ने मुद्दे को हल करने का आश्वासन दिया था.



बजरंग पूनिया समेत पहलवान बोले- नौकरी का डर मत दिखाइए


इससे पहले सोमवार (5 जून) को खबर आई थी कि पहलवान रेलवे की अपनी नौकरियों पर लौट आए हैं. इस पर शीर्ष पहलवानों बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने सोमवार (5 जून) को ट्वीट कर कहा था, ''हमारे मेडलों को 15-15 रुपये के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गए हैं. हमारी जिंदगी दांव पर लगी हुई है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज है. अगर नौकरी इंसाफ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएंगे. नौकरी का डर मत दिखाइए.''


एक और ट्वीट में पहलवान बजरंग पूनिया ने देशवासियों से किसी अफवाह से दूर रहने की अपील की थी और कहा था कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक लड़ाई (आंदोलन) जारी रहेगी. 


बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों के प्रदर्शन का मामला



  • यौन शोषण के आरोपों के तहत बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए इसी साल 18 जनवरी को बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत करीब 30 पहलवान जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे. 19 जनवरी को देर तक पहलवानों की खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बातचीत हुई थी. तब बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और रवि दहिया ने खेल मंत्री से मुलाकात की थी. सरकार ने पहलवानों को मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया था.

  • इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान फिर से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे. 24 अप्रैल खेल मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय ओलंपिक संघ 45 दिनों के अंदर कुश्ती महासंघ की कार्यकारी समिति के चुनाव कराने के लिए एक तदर्थ समिति (अस्थायी समिति) का गठन करेगा.

  • 13 मई को खबर आई कि भारतीय ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती महासंघ के सभी अधिकारियों पर इस निकाय के संचालन से जुड़े किसी भी तरह के अधिकारिक कार्य करने और फैसले लेने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बाद कुश्ती महासंघ के चुनाव 7 मई को होने थे, जिन्हें खेल मंत्रालय ने रद्द कर दिया था.  

  • पहलवान लगातार भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं. 28 मई को पहलवानों ने नई संसद के पास महिला महापंचायत करने की कोशिश की थी, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था और जंतर-मंतर से उनका सामान हटा दिया था. 

  • इसके बाद पहलवानों ने अपने मेडल हरिद्वार में गंगा नदी में बहाने का प्रयास किया था. हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और अन्य समर्थकों के आह्वान पर किसानों ने मेडल नहीं बहाए थे. किसानों ने पहलवानों के समर्थन में 1 जून को यूपी के मुजफ्फरनगर और 2 जून को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में खाप महापंचायत की थी.

  • इस बीच मंगलवार (6 जून) को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के मद्देनजर में उनके सहयोगियों और यूपी के गोंडा में उनके आवास पर काम करने वाले लोगों के बयान भी दर्ज किए. फिलहाल पहलवानों ने कहा है कि न्याय मिलने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.


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