Wrestlers Protest: देश को कई मेडल दिलाने वाले पहलवान पिछले करीब एक महीने से राजधानी दिल्ली में धरना दे रहे हैं. उनका आरोप है कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कई महिला खिलाड़ियों के साथ यौन उत्पीड़न किया है. एफआईआर के बाद अब ये पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं. इस धरना प्रदर्शन का नेतृत्व एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वालीं विनेश फोगाट कर रही हैं, उनके साथ बजरंग पूनिया जैसे बड़े पहलवान भी जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. 


भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने इंडियन एक्सप्रेस में एक आर्टिकल लिखा है. जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे पिछले कई सालों से बृजभूषण सिंह उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे. उन्होंने इस आर्टिकल में कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर और भी कई आरोप लगाए हैं. विनेश ने यहां तक कहा है कि उन्होंने शिकायत इसलिए दर्ज नहीं करवाई क्योंकि बृभूषण उनकी हत्या करवा सकता था. 


'न्याय मिलने में लगता है वक्त'
अपने धरना-प्रदर्शन का जिक्र कर विनेश फोगाट ने लिखा, इंसाफ की लड़ाई काफी मुश्किल है. इसमें वक्त लगता है, ऐसा लगता है कि हम पिछले एक महीने से नहीं बल्कि एक साल से जंतर-मंतर पर हैं. ऐसा लगता है कि न्याय के लिए हमारी लड़ाई हमेशा से जारी है. इस दौरान विनेश ने जंतर-मंतर पर मच्छरों के काटने, आवारा कुत्तों, गर्मी और साफ शौचालय नहीं मिलने का भी जिक्र किया. हालांकि उन्होंने कहा कि वो इस सबसे परेशान नहीं होती हैं, क्योंकि ये सब न्याय की लड़ाई का ही हिस्सा है. 


'जांच कमेटी एक छलावा'
अपने लिखे इस आर्टिकल में विनेश फोगाट ने महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का भी जिक्र किया. जिसमें उन्होंने कहा, एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की है. इसके बावजूद कुछ भी नहीं हुआ. सच कहूं तो, जब हमने जनवरी में महिला पहलवानों पर हुए यौन उत्पीड़न और महासंघ में कुप्रबंधन के बारे में बोलने का फैसला किया, तो हमें विश्वास था कि हमारी आवाज को सुना जाएगा. जब  खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए एक जांच कमेटी का गठन किया था, तब ये यकीन और बढ़ गया, लेकिन अब हम जानते हैं कि ये सिर्फ एक छलावा था. 


'यौन उत्पीड़न पर बात करना भी यातना'
विनेश फोगाट ने यौन उत्पीड़न के आरोपों पर लिखा कि आज एक महीने के बाद भी हमें कोई न्याय मिलता नहीं दिख रहा है. यौन उत्पीड़न के बारे में बार-बार बात करना शिकायतकर्ताओं के लिए यातना जैसा है. उन्हें दर्दनाक घटनाओं के बारे में एक बार नहीं बल्कि कई बार बात करनी पड़ी है. महिला पहलवान ओवरसाइट कमेटी, भारतीय ओलंपिक संघ की कमेटी, पुलिस और फिर मजिस्ट्रेट से कई बार इस पर बात कर चुकी हैं. 


आने वाले एशियन गेम्स को लेकर विनेश फोगाट लिखती हैं कि, हमें ये पता है कि एशियाई खेल नजदीक हैं, हमें भारत का प्रतिनिधित्व करना है और पदक जीतना है. ये एक बड़ी लड़ाई है, अगर आप न्याय के लिए नहीं लड़ सकते तो आपके गले में पदकों का क्या मतलब है?


गिरफ्तारी तक जारी रहेगा धरना
विनेश फोगाट ने अपने आर्टिकल में लिखा कि किसी को भी इस बात का पता नहीं है कि संसद सदस्य बृजभूषण की सुरक्षा क्यों की जा रही है. अब तक उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. हमने पहले भी कहा है कि हम जंतर मंतर से तब तक नहीं हटेंगे जब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता. मेरे लिए पिछले कुछ महीने काफी मुश्किल भरे रहे हैं और मैंने आंसू भी बहाए हैं, लेकिन मैं जानती हूं कि महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए ये एक लंबी लड़ाई हो सकती है और मैं कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं. 


पहले इसलिए नहीं उठाई आवाज
यौन उत्पीड़न के आरोपों पर पहले चुप्पी साधने के आरोपों को लेकर विनेश फोगाट ने लिखा, बाकी कई लड़कियों की तरह मुझे भी इस आदमी के कारण पिछले कई सालों से चुपचाप सहना पड़ा और मेरे पास कोई विकल्प नहीं था. बृजभूषण के गलत कामों को उजागर करने का विचार कई बार मेरे दिमाग में आया. मैं मीडिया से बात करना चाहता था, खासकर टोक्यो ओलंपिक के बाद लेकिन मैंने खुद को रोक लिया क्योंकि लोग इसे मेरे मेडल नहीं जीतने से जोड़ते. 


विनेश ने आगे लिखा, "जनवरी में हमें नहीं पता था कि सिस्टम कैसे काम करता है और हम इससे अनजान थे. इसीलिए हमने जनवरी में एफआईआर नहीं दर्ज कराई. हम पुलिस से डरते थे, हम गांवों से आते हैं. पुलिस जब एफआईआर दर्ज करती है तो मीडिया इसकी रिपोर्ट करता है, शिकायत करने वालों के नाम सामने आते हैं और पीड़ितों को खतरा होता है. हमें लगता था कि एफआईआर दर्ज कराते ही बृजभूषण हमें मरवा देगा."