Wrestler Sakshi Malik: देश की राजधानी दिल्ली में रविवार (28 मई) के दिन सुबह से ही काफी हलचल थी. एक तरफ जंतर-मंतर पर पहलवानों के समर्थन में 'महिला पंचायत' की तैयारियां चल रही थी तो दूसरी तरफ नई संसद का पीएम नरेंद्र मोदी उद्घाटन करने वाले थे. 


जंतर-मंतर पर बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने संसद भवन की ओर कूच करने की कोशिश की. पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.


बदसलूकी की भी घटनाएं सामने आईं


प्रदर्शनकारी पहलवानों को पुलिस ने एक बस में बैठाया. हिरासत में लिए जाने के दौरान कई महिला पहलवानों और कुछ पुलिसवालों के साथ बदसलूकी जैसी घटनाएं देखी गईं. महिला पहलवान साक्षी मलिक की टीम ने बदसलूकी के आरोपों का खंडन करते हुए सफाई दी है.


'हिरासत में डराया गया'  


साक्षी मलिक के हैंडल से ट्वीट किया गया, "कुछ चैनल ये अफवाह फैला रहे हैं कि साक्षी मलिक ने किसी पुलिसवाले को मारा, ये खबर सरासर झूठ है. साक्षी को बुरी तरह खींचकर लाइव कैमरा के सामने बस में ठूसा गया, वो दर्द में हैं. उन्हें हिरासत में डराया गया और खराब व्यवहार किया गया." 


इसके अलावा साक्षी मलिक ने एक और ट्वीट में कहा, ''हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. पुलिस हिरासत से छूटकर हम वापस जंतर-मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे. इस देश में अब तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा.''



संसद भवन की तरफ कूच


बता दें कि रविवार की सुबह लगभग 11:30 बजे जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों ने नए संसद भवन की तरफ कूच करना शुरू किया क्योंकि वहां पर पहलवानों ने महिला पंचायत का आयोजन किया था. वहीं, दिल्ली पुलिस ने उन्हें रुकने की हिदायत दी और यह भी बताया कि आज नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह है. 


नई संसद की ओर बढ़ते पहलवानों और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से तंबू भी उखाड़ने शुरू कर दिए हैं. पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद जेएनयू के छात्र भी उनके समर्थन में उतर आए हैं.


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