Wrestler Protests: जंतर-मंतर पर इंसाफ की मांग को लेकर धरने पर बैठे खिलाड़ियों के समर्थन में दिल्ली के 360 गांवों के किसान भी आ गए हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने मंगलवार (1 मई) को पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि खिलाड़ियों के समर्थन में बुधवार को दिल्ली के 360 गांवों के प्रतिनिधि जंतर-मंतर पर पहुंचेंगे.
आप नेता गोपाल राय ने कहा कि इस दौरान इलाके के जन प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे और आंदोलन की आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का नाम रोशन करने वाली इन बेटियों पर गर्व करते थे, लेकिन आज वह इनकी आवाज नहीं सुन रहे हैं. लगता है कि केंद्र सरकार गलतफहमी में है कि खिलाड़ियों की आवाज को दबा देगी, लेकिन ऐसा नहीं होगा. खिलाड़ियों की आवाज को गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा.
पीएम मोदी का किया जिक्र
केजरीवाल सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर पिछले 9 दिनों से देश की बेटियां धरना दे रही है. इन बेटियों ने पूरे विश्व में देश का नाम रोशन किया है और इन पर पूरा देश गर्व करता है. पिछले 9 दिनों से ये बेटियां आंधी, पानी और मच्छरों की मार झेल रही हैं. सोमवार (1 मई) को बारिश में भी ये बेटियां डटी रहीं. पीएम मोदी के पास उनका पक्ष सुनने या उनकी मांगों पर विचार करने के लिए समय नहीं है. इसके उलट महिला खिलाड़ियों की एक एफआईआर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को आदेश देना पड़ा.
गोपाल राय ने क्या कहा?
गोपाल राय ने कहा कि केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर इन खिलाड़ियों की बात सुनने को तैयार नहीं हैं. पीएम मोदी मौन साधे हुए हैं और पूरी बीजेपी पहलवानों के खिलाफ दुष्प्रचार करने में लगी हुई है. जिस तरह से किसानों के आंदोलन को हर तरह से बदनाम कर उनके मनोबल को तोड़ने की कोशिश की गई है. आज उसी तरह इन पहलवानों के मनोबल को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. पुलिस उन्हें माइक सिस्टम और ऐसे मौसम में टेंट तक लगाने की इजाज़त नहीं दे रही है.
'झुकना पड़ा'
आप नेता गोपाल राय ने कहा कि यह जो भी इन खिलाड़ियों के साथ हो रहा है, वो पूरा देश देख रहा है. सभी लोगों के समर्थन की आवाज सोशल मीडिया के जरिए जंतर-मंतर तक पहुंच रही है. अगर बीजेपी सरकर को लगता है कि ये तो सिर्फ चंद लोग हैं और इनके आंदोलन को दबा दिया जाएगा तो वो ग़लतफहमी में है. किसानों के आंदोलन के समय भी उन्हें लगता था कि वे उनको कुचल देंगे, फर्जीवाड़े में फंसा देंगे या झूठी एफआईआर कर बदनाम कर देंगे, लेकिन अंत में किसान आंदोलन के आगे उन्हें झुकना पड़ा था और तीनों कानून वापस लेने पड़े.
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार बात नहीं सुनती है तो कल इन प्रतिनिधी के साथ बैठकर आंदोलन को हर गांव तक पहुंचाने की रणनीति बनाई जाएगी. इसके बाद इस आंदोलन को लेकर गांव-गांव तक इन खिलाड़ियों की आवाज़ को पहुंचाया जाएगा ताकि इन्हें इंसाफ मिल सके.
गोपाल राय ने कहा कि अब गांव के लोग भी इसके लिए कमर कस रहे हैं. वे भी खिलाड़ियों के साथ जंतर-मंतर पर डेरा डालेंगे. पहले चरण में कल दिल्ली के 360 गांवों के प्रतिनिधि जंतर-मंतर पहुंचकर खिलाड़ियों को समर्थन देंगे और इस आंदोलन को आगे बढ़ाने की अपनी रणनीति की घोषणा करेंगे.