Wrestlers Protest: महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के मामले में मंगलवार (18 जुलाई) को भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की कोर्ट में पेशी हुई. कोर्ट ने दोनों आरोपियों बृजभूषण और विनोद तोमर को दो दिनों की अंतरिम जमानत दे दी है.
कोर्ट का कहना है कि गुरुवार (20 जुलाई) को दोपहर 12:30 बजे रेगुलर बेल पर सुनवाई होगी. दोनों को 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिली है. बृजभूषण की तरफ से कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी.
1599 पन्नों की चार्जशीट
बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस की तरफ से 1599 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है. बृजभूषण के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.
इस चार्टशीट में आरोपी बृजभूषण और WFI सेक्रेटरी विनोद तोमर के खिलाफ केस का जिक्र है. चार्जशीट में कुल 44 विटनेस हैं और कुल 108 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. जिनमें 15 लोगों ने पीड़ित रेसलर्स के सपोर्ट में बयान दिए हैं.
इन धाराओं में लगे हैं आरोप
पुलिस ने चार्जशीट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण से जुड़ी IPC की धारा 354, 354-A और 354 D और सह आरोपी विनोद तोमर के खिलाफ आइपीसी की धारा 109, 354, 354 (A), 506 के तहत आरोप लगाए हैं.
IPC की धारा 354 की बात करें तो इसमें 5 साल की सजा का प्रावधान है और गैर जमानती धारा है. 354A में अधिकतम एक साल की सजा का प्रावधान लेकिन जमानती धारा है. 354D में 5 साल की सजा है जबकि ये धारा जमानती धारा है.
अब तक क्यों नहीं हुई बृजभूषण की गिरफ्तारी?
कई विपक्ष के नेता बृजभूषण की गिरफ्तारी न होने पर दिल्ली पुलिस और बीजेपी पर तमाम सवाल खड़े कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार न करने का कारण बताते हुए कहा, "बृजभूषण ने निर्देशों का पालन किया और वह जांच में शामिल हुए."
दिल्ली पुलिस फिलहाल फोरेंसिक लैब में जमा हुए डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. हालांकि, बृजभूषण लगातार इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं.
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