Wrestling Federation Of India: भारतीय पहलवानों और कुश्ती संघ (WFI) के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच रविवार (24 दिसंबर) को खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ के चुनाव को रद्द कर दिया और नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह को भी सस्पेंड कर दिया. सरकार का कहना है कि यह चुनाव नियमों के खिलाफ हैं.
अध्यक्ष पद से सस्पेंड होने के बाद संजय सिंह ने कहा कि वह इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से बात करेंगे. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए संजय सिंह ने कहा कि जो बच्चे इस खेल को अपना रहे हैं, उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है.
बृज भूषण सिंह ने दी सफाई
वहीं, जल्दबाजी में जूनियर राष्ट्रीय टूर्नामेंटों की घोषणा करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद बृज भूषण सिंह ने कहा कि गोंडा को खेलों के आयोजन के लिए इसलिए चुना गया था, क्योंकि कोई अन्य महासंघ इतने कम समय में टूर्नामेंट आयोजित करने के लिए सहमत नहीं था.
'इंसाफ मिलने तक वापस नहीं लूंगा पद्मश्री'
फेडरेशन के रद्द होने पर साक्षी मलिक ने कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए यह जानकारी मिली है. इस बारे में उन्हें लिखित में कुछ भी नहीं मिला है. इस बीच पद्मश्री अवार्ड लौटाने बजरंग पूनिया ने कहा है कि वह तब तक अपना पुरस्कार वापस नहीं लेंगे, जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता.
बजरंग पूनिया ने कहा, ''मैं पद्मश्री वापस नहीं लूंगा. न्याय मिलने के बाद ही मैं इसके बारे में सोचूंगा. कोई भी पुरस्कार हमारी बहनों के सम्मान से बड़ा नहीं है." इससे पहले संजय सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा था कि बृजभूषण सिंह और साक्षी मलिक दोनों रिटायर हो गए हैं. ऐसे में उन्हें चाहिए कि वह कुश्ती संघ को शांति के साथ काम करने दें.
एड हॉक कमेटी चलाएगी फेडरेशन
फिलहाल खेल मंत्रालय ने इंडियन ओलंपिक संघ को खत लिख कर 24 घंटे के भीतर एक एड हॉक कमेटी बनाने को कहा, ताकि कुश्ती फेडरेशन को चलाया जा सके. इस समिति में तीन सदस्यीय पैनल होगा, जिसमें एक महिला शामिल होगी.
साक्षी मलिक ने रिटायरमेंट का किया ऐलान
हाल ही कुश्ती संघ के लिए हुए चुनावों में बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष चुने गए थे. संजय सिंह ने इस चुनाव में अनीता सिंह श्योराण को मात दी थी. संजय के चुनाव जीतने के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था, जबकि बजरंग ने सरकार को अपना पद्म श्री अवॉर्ड वापस कर दिया था.
सरकार ने डब्ल्यूएफआई को रद्द किया
संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बनने के बाद संघ ने जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता को यूपी के गोंडा में आयोजित करने का फैसला किया था. इस फैसले को लेकर पहलवान साक्षी मलिक ने सवाल उठाया था. इसके बाद सरकार ने डब्ल्यूएफआई को रद्द कर दिया.
खेल मंत्रालय ने कहा कि जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता को आयोजित करने के फैसले में डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया था. यह फैसला WFI के प्रावधानों और नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का उल्लंघन हैं. इस फैसले में नए अध्यक्ष की मनमानी दिखाई देती है, जो कि सिद्धांतों के खिलाफ है.
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