नई दिल्ली: लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने दावा किया है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के लिए डेटाबेस का काम करेगा. उन्होंने लोगों से एनपीआर का विरोध करने का आह्वान किया. अरुंधति रॉय ने कहा, ''जब एनपीआर वाले जाएं तो आप अपना नाम गलत भी बता सकते हैं.''


दिल्ली यूनिवर्सिटी में एक विरोध रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी दावा किया कि एनआरसी देश के मुस्लिमों के खिलाफ है. रॉय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एनआरसी मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया.


अरुंधति रॉय के बयान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि एक रजिस्टर ऐसे ‘बुद्धिजीवियों’ का भी बनना चाहिए. उन्होंने कहा, ''अगर यही हमारे देश के बुद्धिजीवी हैं तो पहले हमें ऐसे ‘बुद्धिजीवियों’ का रजिस्टर बनाना चाहिए!''


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शिवराज ने आगे कहा, ''वैसे उन्होंने ने अपना नाम तो बता ही दिया, साथ में ये भी बता दिया कि उन्हें कंग-फ़ू की भी जानकारी है. अरुंधती जी को शर्म आनी चाहिए! ऐसे बयान देश के साथ विश्वासघात नहीं है तो क्या है?''



अरुंधति रॉय का बयान


अरुंधति ने कहा, "वे आपके घरों तक जाएंगे, आपका नाम, फोन नंबर और आधार ड्राइविंग लाइसेंस जैसे कागजात के बारे में पूछेंगे. एनपीआर एनआरसी का डेटाबेस बनेगा. हमें इसके खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से लड़ना होगा. जब वे एनपीआर के लिए आपके घर आएं तो आप उन्हें दूसरा नाम बता दें. पते के लिए आप उन्हें 7 आरसीआर बताएं. हमें दबाने के लिए बहुत सारी ताकत लगेगी. हम लोग लाठी और गोली खाने के लिए पैदा नहीं हुए हैं."


उन्होंने आरोप लगाया कि देश में सीएए और एनआरसी का व्यापक स्तर पर विरोध होने के बाद सरकार इसके प्रावधानों को एनपीआर के जरिये लागू करवाना चाहती है.


बता दें कि मंगलवार को मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को मंजूरी दी थी. विपक्षी दलों का कहना है कि एनपीआर एनआरसी की ही शुरुआती प्रक्रिया है. वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने साफ-साफ कहा है कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना देना नहीं है. एनआरसी की अभी कोई चर्चा नहीं हुई है.


गृह मंत्री अमित शाह बोले- NPR और NRC दोनों अलग है, डिटेंशन सेंटर का एनआरसी से संबंध नहीं