जिन्होंने मुंह पर कालिख़ पोती, उन्हीं से अब गले मिले लेखक सुधींद्र कुलकर्णी
सुधींद्र कुलकर्णी कह रहे हैं कि मेरे हमलावर अब मेरे दोस्त बन गए हैं और इसी तरीके से विवाद खत्म होना चाहिए और यही गांधी का मार्ग है. कुलकर्णी ने कोर्ट में कहा कि माननीय न्यायाधीश जी कृपया इस केस को बंद कर दीजिए.
मुंबई: साल 2015 में लेखक सुधींद्र कुलकर्णी पर शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा कालिख पोते जाने के 4 साल बाद सुधींद्र कुलकर्णी ने हमलवारों को ना केवल माफ किया बल्कि गले भी लगाया. इसके बाद सुधींद्र कुलकर्णी कह रहे हैं कि मेरे हमलावर अब मेरे दोस्त बन गए हैं और इसी तरीके से विवाद खत्म होना चाहिए और यही गांधी का मार्ग है.
दरअसल, मामला 12 अक्टूबर 2015 का है जब सुधींद्र कुलकर्णी ने एक पुस्तक के विमोचन के लिए पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी को मुंबई में बुलाया था. इससे नाराज होकर शिवसैनिकों ने सुधींद्र कुलकर्णी पर हमला किया और मुंह पर काली स्याही पोती. इसके बाद सुधींद्र कुलकर्णी ने तो कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई लेकिन मुंबई पुलिस ने संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था और कई शिवसैनिकों को गिरफ्तार किया था. सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि मैंने पुलिस में कोई शिकायत नहीं की थी. कुर्ला कोर्ट के ऑडिशनल जज की तरफ से मुझे बुलावा आया था. इस दौरान जिन शिवसैनिकों ने मुझ पर हमला किया था और मुझ पर काली स्याही फेंकी थी आज मेरे सामने आए और मुझसे हाथ मिलाया.
सुधींद्र कुलकर्णी ने कोर्ट में कहा कि माननीय न्यायाधीश जी कृपया इस केस को बंद कर दीजिए. जिन शिवसैनिकों ने मुझ पर हमला किया था मैंने उनके खिलाफ कभी कोई शिकायत नहीं की. जब सरकार ने मुझे पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई तब भी मैंने तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कहा था कि इसे आप वापस ले लीजिए. कोई भी विवाद आपस में बातचीत कर खत्म किया जाना चाहिए. कुर्ला कोर्ट के एडिशनल मजिस्ट्रेट ने सुधींद्र कुलकर्णी के पक्ष को सुना और केस को बंद कर दिया.
सुधींद्र कुलकर्णी ने अपने ट्विटर पर लिखते हुए कहा कि, ''कोर्ट में वह आरोपी शिवसैनिक भी मौजूद थे जिन्हें कोर्ट ने समन जारी कर बुलाया था. मेरे केस वापस लेने के बाद शिवसैनिक सामने आए और पैर पड़ने लगे और दोस्ताना अंदाज में शुक्रिया कहा और मैंने भी उनसे कहा कि मुझे आप से कोई शिकायत नहीं है.''
कुलकर्णी ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत शुरू करने और दोस्ती की पैरवी की और एक बार फिर बातचीत शुरू करने की पहल के लिए काम करने की बात की. सुधींद्र कुलकर्णी ने शिवसैनिकों से कहा कि उद्धव ठाकरे को इस बात के लिए राजी करें. भारत और पाकिस्तान के बीच शांति और दोस्ती के संबंध स्थापित करने के लिए उद्धव ठाकरे को भी साथ आना चाहिए. उन्होंने ने कहा कि आज जिस प्रकार की राज्य की स्थिति है उसमें उद्धव ठाकरे पाकिस्तान से मित्रता बढ़ाने के लिए कदम आगे बढ़ाएंगे और बालासाहेब ठाकरे का भी यही मूल विचार था.
सुधींद्र कुलकर्णी ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे अगर मेरे साथ पाकिस्तान चलेंगे तो वहां उनका भव्य स्वागत होगा यह मेरा विश्वास है. इतना ही नहीं मोहन भागवत भी साथ में आएं और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी एक साथ आने चाहिए. कुलकर्णी ने मौजूदा CAA कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन पर कहा कि हमने संवाद नहीं किया, हमेशा विरोध में रहे. इसी वजह से ऐसी स्थिति बनी है. एक साथ मिलकर सभी मुद्दों को हल करने की जरूरत है.
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