डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने जारी किया सूचनात्मक पोस्टर, लिखा- देश में उल्लुओं की 16 प्रजातियों की तस्करी की जाती है
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने सूचनात्मक पोस्टर जारी किया है. इस पोस्टर में बताया है कि देश में उल्लुओं की 16 प्रजातियों की तस्करी की जाती है.
नई दिल्लीः वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) इंडिया ने कहा कि उल्लुओं की ऐसी 16 प्रजातियों की पहचान की गयी है जिनकी आमतौर पर भारत में तस्करी की जाती है. ये पक्षी अंधविश्वास और रीति रिवाजों की बलि चढ़ते हैं. उल्लुओं की इन प्रजातियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनकी पहचान में मदद के लिए 'ट्रैफिक' और 'डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया' ने एक सूचनात्मक पोस्टर बनाया है जिसमें लिखा है 'अवैध वन्यजीव व्यापार से प्रभावित : भारत के उल्लू'.
इस तरह के कार्य को करता है 'ट्रैफिक'
ट्रैफिक एक संगठन है जो यह सुनिश्चित करने का काम करता है कि वन्यजीव व्यापार प्रकृति के संरक्षण के लिए खतरा न हो. उसने उल्लुओं की 16 प्रजातियों की पहचान की है जिनकी आम तौर पर भारत में तस्करी की जाती है.
ट्रैफिक के भारत कार्यालय के प्रमुख डॉ. साकेत बडोला ने कहा, ''भारत में उल्लुओं का शिकार और तस्करी एक आकर्षक अवैध व्यापार बन गया है जो अंधविश्वास पर टिका है.''
भारत में पाई जाती हैं करीब 36 प्रजातियां
संगठनों ने कहा, ''भारत में उल्लू अंधविश्वासों और रीति रिवाजों के पीड़ित हैं जिनका प्रचार अकसर स्थानीय तांत्रिक करते हैं.'' उन्होंने बताया कि दुनियाभर में पायी जाने वाली उल्लुओं की तकरीबन 250 प्रजातियों में से करीब 36 प्रजातियां भारत में पायी जाती हैं.
दिवाली के आसपास बढ़ जाती है उल्लुओं मांग
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने कहा कि कानूनी पाबंदियों के बावजूद हर साल सैकड़ों पक्षियों की अंधविश्वास, कुल देवता और वर्जनाओं से जुड़े रीति रिवाजों और अनुष्ठानों के लिए बलि दे दी जाती है. दिवाली के त्योहार के आसपास यह बढ़ जाती है.