महाबलिपुरमः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए आ रहे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग यूं तो केवल एक रात ही भारत के मेहमान होंगे. मगर, चेन्नई से सटे महाबलिपुरम में होने वाले मुलाकात के लिए आवाजाही के लिए चीनी राष्ट्रपति मेजबान मुल्क की किसी कार की बजाए अपनी पसंदीदा होंगशी को ही तवज्जो देंगे. राष्ट्रपति जिनपिंग के लिए चीनी लिमोजीन कहलाने वाली होंगकी कारें भी साथ आ रही हैं.


भारतीय प्रधानमंत्री से चीनी राष्ट्रपति की मुलाकात का कार्यक्रम भले ही महाबलिपुरम में हो लेकिन वो रात बिताएंगे चेन्नई के आईटीसी ग्रैंड चोला होटल में. होटल में राज राजा प्रेसिडेंशियल सूइट को खास चीनी राष्ट्रपति की सुविधा और सुरक्षा का लिहाज से तैयार किया गया है. वहीं राष्ट्रपति जिनपिंग पीएम मोदी के साथ 11 और 12 अक्टूबर को होने वाले अपने मुलाकातों के लिए चेन्नई से करीब 40 किमी दूर स्थित महाबलिपुरम तक सफर करेंगे.


अपनी पसंदीदा कार में सवार होकर होटल जाएंगे जिनपिंग


प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति 11 अक्टूबर की दोपहर करीब डेढ़ बजे पहुचेंगे. जिनपींग की फ्लाइट के आगमन के वक्त करीब 15 मिनट के लिए चेन्नई हवाई अड्डे पर सभी डोमेस्टिक व इंटरनेशनल उड़ानों की आवाजाही रोक दी जाएगी. हवाई अड्डे पर परम्परागत तरीके से सत्कार के बाद जिनपिंग अपनी पसंदीदा और मेड इन चाइना होंगशी कार L5 में सवार होकर होटल रवाना होंगे.


महाबलीपुरम में होने वाली अनौपचारिक बैठक की तैयारियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति जिनपिंग के काफिले में चीन से आई उनकी होंगशी की करें भी मौजूद होंगी. हालांकि काफिले में सुरक्षा वाहन समेत अन्य कारें भारतीय होंगी.


महाबलिपुरम में होगी रात्रि भोज


शुक्रवार शाम पांच बजे अपनी होंगशी कार में सवार होकर चीनी राष्ट्रपति पीएम मोदी से मिलने महाबलिपुरम पहुंचेगे. जिनपिंग शुक्रवार रात्रि भोज कर महाबलिपुरम से चेन्नई लौटेंगे. वहीं अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को द्विपक्षीय मुलाकात के लिए फिर चेन्नई से महाबलिपुरम जाएंगे. पीएम मोदी के साथ बातचीत और दोपहर भोज के बाद चीनी राष्ट्रपति शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे चेन्नई से रवाना होंगे.


वैसे यह कोई पहला मौका नहीं जब चीनी राष्ट्रपति विदेशी धरती पर अपनी कार के साथ सफर करें. जिनपींग लगभग एक सिद्धांत तरह ही जहां भी जाते हैं इस होंगशी कार का इस्तेमाल करते हैं. होंगशी का चीनी भाषा में अर्थ होता है 'लाल ध्वज' और चीन की इस सबसे पुरानी पेसेंपेज कर ब्रांड आ इस्तेमाल चीन के कई आला कम्यूनिस्ट नेता करते हैं.


मओत्ज़े तुंग के ज़माने से यह कार शीर्ष कम्युनिस्ट नेतृत्व की पसंद रही है. हालांकि बीच में कुछ साल चीन के नेताओं ने विदेशी कारों को अपनी पसंद बनाया लेकिव राष्ट्रपति शी जिनपिंग खास तौर पर होंगशी में ही चलना पसंद करते हैं.


गौरतलब है कि अप्रैल 2018 में जब राष्ट्रपति जिनपिंग ने जब पीएम मोदी की मेजबानी की थी तब उनके लिए होंगशी लिमोजीन कार ही भेजी थी. चीन ने इसे खास सम्मान की तरह दिखाया था.


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