नई दिल्ली : शिवसेना ने दिल्ली हिंसा पर कहा है कि अगर यमराज भी होते तो वह इस्तीफा दे देते. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में दिल्ली हिंसा पर तीखी टिप्पणी की. शिवसेना ने कहा कि यमराज मौत के देवता हैं फिर भी इतनी हिंसा देखकर वह भी अपना पद छोड़ देते. गौरतलब है कि दिल्ली में हुई हिंसा में 53 लोगों की जान चली गई थी. इनमें दिल्ली पुलिस का एक कांस्टेबल भी शामिल था.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में दिल्ली हिंसा की तीखी आलोचना की है. संपादकीय में लिखा - दिल्ली के दंगों का दृश्य दिल दहला देने वाला था. मृत्यु के अमानवीय तांडव को देखकर, यमराज भी अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. हिंदू और मुसलमानों के मासूम बच्चे अनाथ हो गए. क्या हम अनाथों की एक नई दुनिया बना रहे हैं.
इस लेख में मुदस्सर खान के बच्चे की तस्वीर का भी जिक्र था जो काफी ह्रदय-विदारक थी. अपने पिता के शव के सामने खड़े एक लड़के की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. शिवसेना के सामना में छपे लेख में लिखा कि ‘वे लोग कौन थे जिन्होंने हिंसा में 50 से अधिक लोगों की जान ले ली? 50 सिर्फ एक आंकड़ा है, लेकिन वास्तव में, यह 100 से अधिक होगा?" 500 से अधिक लोग घायल हुए होंगे. अगर लोग अभी भी हिंदू-मुस्लिम मानते हैं, तो यह मानवता की मौत है.'
शिव सेना ने अपने लेख में लिखा कि दिल्ली में दंगों की वजह से तो महाराष्ट्र में सूखे की वजह से बच्चे अनाथ हुए. शिवसेना ने इस लेख में मारे गए हिंदू और मुस्लिम समाज के लोगों के बच्चों की कहानियों का भी जिक्र किया है. इस लेख में लिखा गया है कि अगर ऐसे ही धर्म के आधार पर लड़ाईयां होती रहीं तो विनाश दूर नहीं है. हिंदू-मुस्लिम और ईसाई-मुस्लिम के विवाद के कारण दुनिया विनाश की दहलीज पर पहुंच गई है. कोई भी देवता मनुष्यों की सहायता के लिए नहीं आता है. यहां तक कि सरकार ऐसे संकट के समय अपना दरवाजा बंद कर देती है. शिवसेना ने अपने लेख में लिखा.