Lieutenant Governor Vinay Saxena: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना गुरुवार को कश्मीरी गेट के यमुना घाट पर यमुना नदी की सफाई अभियान की शुरुआत करने पहुंचे. दिल्ली में यमुना को गंदगी से बचाने के लिए नालों की पहचान और उनको साफ करने का काम इस अभियान के तहत शुरू किया गया है. इस दौरान यमुना पर एक टेरिटोरियल आर्मी की कंपनी भी तैनात की जाएगी. इस टेरिटोरियल आर्मी का काम होगा यमुना को प्रदूषित करने वाले कच्चे नालों और छोटे नालों पर नजर रखना और उन पर कार्रवाई करना.


इस अभियान की शुरुआत के साथ दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ये दावा भी किया है कि 6 महीने में यमुना काफी साफ हो जाएगी. एलजी ने कहा कि पहली बार हम टेरिटोरियल आर्मी की बटालियन को लगा रहे हैं जो कल से काम करना शुरू कर देगी. अब यमुना को साफ करना है. यह हम लोगों का मिशन है और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने जो ऑर्डर किया है उसको लागू करना है, मुझे यकीन है कि 6 महीने के अंदर हम एक स्वच्छ यमुना देने में सफल होंगे. मैं यह तो नहीं कहता कि 100 फ़ीसदी साफ होगी लेकिन एक बहुत बड़ा हिस्सा यमुना का साफ हो जाएगा."


बढ़ सकती है LG-CM में खींचतान


हालांकि, इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी वादा किया था कि 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले यमुना ना सिर्फ साफ होगी बल्कि उसमें वो डुबकी भी लगाएंगे. ऐसे में एलजी का मैदान में उतरना दोनों के बीच चल रही खींचतान को बढ़ाने का काम ज़रूर करेगी. आम आदमी पार्टी इसे अपनी सरकार की योजना की कॉपी जरूर बता रही है, लेकिन इस मुद्दे पर फिलहाल ज्यादा कुछ बोलने से बचती भी नजर आ रही है.


एलजी थोड़ा पानी दिलवा सकें तो- भारद्वाज 


आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अगर कोई वादा किया है तो वह हम सब के मुख्यमंत्री हैं. मेरा भी कर्तव्य है कि मैं यमुना साफ करूं, आपका भी कर्तव्य है कि यमुना साफ करें और एलजी साहब के भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं. वह भी अगर अपने मुख्यमंत्री के लिए कुछ काम करना चाहते हैं तो करें बहुत अच्छी बात है. सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि हमको पानी की भी बहुत जगह जरूरत है. अगर हरियाणा से एलजी थोड़ा पानी दिलवा सकें तो हम दिल्ली के अंदर बहुत कुछ कर सकते हैं.


यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए 11 प्रोजेक्ट्स 


दरअसल, पिछले महीने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यमुना सफाई और इसके कायाकल्प के लिए हाई लेवल कमिटी बनाई थी, जिसका अध्यक्ष उपराज्यपाल को बनाया गया था. इसके बाद से ही उपराज्यपाल यमुना सफाई को लेकर काफी एक्टिव दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, यमुना सफाई करना केंद्र सरकार की भी ज़िम्मेदारी और मजबूरी है क्योंकि यमुना गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है. गंगा की सफाई के लिए यमुना की सफाई होना भी बहुत जरूरी है. इसलिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत दिल्ली में 2009 करोड़ रुपये के 11 प्रोजेक्ट्स यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए चल रहे हैं. इसमें 531 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार खर्च कर रही है. 


अब दिल्ली के एलजी पूरा करेंगे...


इस दौरान बीजेपी ने भी केजरीवाल सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो काम अरविंद केजरीवाल सरकार इतने सालों में नहीं कर पाई उसे अब दिल्ली के एलजी पूरा करेंगे. दिल्ली बीजेपी प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार यमुना सफ़ाई के नाम पर अब तक हज़ारों करोड़ रुपये खा चुकी है. यमुना की गंदगी हमारे माथे पर कलंक है जिसे एलजी साफ़ करने का काम कर रहे हैं. 


वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को तो उपराज्यपाल का धन्यवाद करना चाहिए कि जो काम उन्हें करना था वह अब दिल्ली के उपराज्यपाल कर रहे हैं. अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार को यमुना की सफ़ाई को लेकर एक श्वेत पत्र जारी कर ये बताना चाहिए कि उन्होंने यमुना की सफ़ाई को लेकर अब तक क्या किया है?


यमुना आख़िर कब साफ़ होगी ये तो कहा नहीं जा सकता लेकिन यमुना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हमें ज़रूर जान लेने चाहिये—



  • यमुना नदी गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है.

  • यमुना की कुल लंबाई 1376 Km.

  • दिल्ली में यमुना 22 किमी बहती है (वजीराबाद से ओखला तक).

  • यमुना की सहायक नदी हिंडन, बनास, चंबल, बेतवा, सिंध, धासन और केन है.

  • 1514 करोड़ एक्शन प्लान के दो चरणों में खर्च होंगे.

  • दिल्ली में रोजाना 3491 MLD सीवेज जनरेट होता है जिसमें से 2714 MLD ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में साफ़ हो पाता है. 212.3 MLD के CETP भी हैं जो इंडस्ट्रियल वेस्ट वाटर को डिलीट करते हैं.

  • यमुना नदी में प्रदूषण से निपटने के लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत दिल्ली में 2009.12 करोड़ रुपये के 11 प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं. इसमें दिल्ली सरकार का हिस्सा 531 करोड़ रुपये है.

  • दिल्ली में 3 नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बन रहे हैं ओखला, कोंडली और रिठाला, जिनकी कुल क्षमता 950 MLD है.


यह भी पढ़ें: Sitharaman on Economy: 'आप कैसे कह सकते हैं कि 5 ट्रिलियन इकोनॉमी जोक है?' वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन का विपक्षियों पर वार