नई दिल्लीः दिल्ली में बुधवार को यमुना का जल स्तर खतरे के निशान के नजदीक रहा. वहीं, हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से और अधिक पानी छोड़े जाने से इसके उफान पर आने की संभावना है. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है.
खतरे के निशान से एक मीटर दूर यमुना
मौसम वैज्ञानिकों ने अगले तीन-चार दिनों में पश्चिमोत्तर भारत में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान लगाया है. यमुना का जल स्तर शाम छह बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज पर 203.68 मीटर दर्ज किया गया. सोमवार को जलस्तर 204.38 मीटर था और यह खतरे के निशान 205.33 मी. से महज एक मीटर नीचे था.
हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जा रहा पानी
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से शाम छह बजे 25,000 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा जा रहा है. एक क्यूसेक प्रति सेकंड 28.32 लीटर पानी के प्रवाह के बराबर है. उन्होंने कहा कि और अधिक पानी छोड़े जाने की उम्मीद है. इससे जलस्तर और बढ़ने की संभावना है.
भारी बारिश से बढ़ सकती है मुश्किल
बता दें कि हथिनीकुंड बैराज से आया पानी दिल्ली में पीने के लिए इस्तेमाल होता है. इसके साथ ही बैराज से छोड़ा गया पानी सामान्य तौर पर 72 घंटे में दिल्ली पहुंचता है. वहीं हथिनीकुंड बैराज में बहाव दर 352 क्यूसेक देखा गया है, लेकिन भारी बारिश के बाद पानी बढ़ने का कारण पानी छोड़ने की मात्रा तेज कर दी जाती है.
बाढ़ से निपटने को तैयार है दिल्ली
बीते साल अगस्त के महीने में बहाव दर 8.28 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई थी. जिसके कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर 206.60 मीटर पर पहुंच गई थी. दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि सरकार बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
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