यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब, निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को किया जा रहा है शिफ्ट
यमुना में जलस्तर बढ़ने से दिल्ली में बाढ़ के खतरे को देखते हुए निचले इलाक़ो में रहने वाले लोगो को शिफ्ट किया जा रहा है.
नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ पहाड़ों पर हो रही तेज बारिश के कारण दिल्ली में यमुना नदी इस वक्त उफान पर है. बीते बुधवार को हरियाणा के यमुनानगर मे हथिनी कुंड बैराज से दिल्ली की ओर करीब 1 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. पानी छोड़ने के बाद लगभग हर रोज़ कई हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना के पानी का बहाव तेज़ हो गया और राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार को खतरे के निशान को पार कर गया था.
शनिवार को जल स्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया तो वहीं रविवार को फिर एक बार खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गया था. लगातार यमुना के जलस्तर की स्थिति खतरे के आसपास बनी हुई है इस कारण दिल्ली में बाढ़ के अलर्टस जारी कर दिए गए हैं.
अगर बात करें की किन लोगों पर सबसे ज्यादा इसका असर होगा तो आपको बता दें कि दिल्ली में यमुना नदी के करीब बसे इलाकों में रहने वाले तकरीबन 10 हज़ार लोगों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा.
नदी के क्षेत्रों में पानी अगर भरता है और बाढ़ की स्थिति बन जाती है तो इन लोगों के प्रशासन की तरफ से लगाए गए टेंट में शिफ्ट होना पड़ेगा. नदी के किनारे रहने वाले लोगों की इस वक़्त क्या स्थिति है इसको जानने के लिए हम यमुना से सटी बस्तियों में पहुंचे.
यहां रहने वाले लोगों ने अपना सामान बांधना शुरू कर दिया है. क्योंकि, अब इन लोगों को भी डर है कि अगर यमुना का जलस्तर बढ़ता है तो पानी घर तक आ जाएगा. प्रशासन की तरफ से नियुक्त सिविल डिफेंस के लोग लगातार मुनादी के लिए इन बस्तियों में जा रहे हैं और लोगों को समझा रहे हैं कि समय रहते हैं ऊपर की तरफ लगे टेंट में शिफ्ट हो जाएं.
यमुना किनारे बसी बस्तियों के नजदीक ऊपरी इलाकों में सरकार की ओर से टेंट लगाए गए और पानी का इंतजाम किया गया है ताकि अगर बाढ़ की स्थिति बनती है तो बाढ़ से प्रभावित होने के खतरे वाले इलाक़ो में रहने वाले लोगों को वहां शिफ्ट किया जा सके.
जो इलाके सबसे ज़्यादा प्रभावित हो सकते हैं उसमें बुराड़ी, जैतपुर, बदरपुर, यमुना खादर, उस्मानपुर, मजनू का टीला इलाके से सटी बस्तिया, चिल्ला, ओखला में बसी जुग्गियो जैसे इलाक़ो है. अगर पानी इन इलाकों तक पहुंचता है तो यहां रहने वाले लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का इंतजाम भी प्रशासन ने कर रखा है.
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