Yamuna Water Level: यमुना का जलस्तर बढ़ने से नोएडा हाईवे पर रहने को मजबूर हुए लोग, बोले- सरकार से नहीं मिली कोई मदद
Yamuna River: यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से यमुना खादर में रहने वाले लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इन लोगों ने अपना नया ठिकाना नोएडा लिंक हाईवे को बना लिया है.
Yamuna River: यमुना नदी (Yamuna River) का जलस्तर बढ़ने से यमुना खादर में रहने वाले लोगों ने अपना नया ठिकाना नोएडा (Noida) लिंक हाईवे को बना लिया है. हाईवे के किनारे हर ओर छोटे से लेकर बड़ा सामान बिखरा है. लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है कि उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही.
यमुना नदी के बढ़े जलस्तर से लोग काफी परेशान हैं जिसके चलते यमुना खादर का इलाका बाढ़ में डूबा हुआ है. मयूर विहार फेज-1 (Mayur Vihar Phase-1) मेट्रो के सामने से जाने वाले हाईवे के किनारे लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है. कहीं खाना बन रहा है तो कहीं खुले आसमान के नीचे छोटे बच्चे सो रहे हैं. घर का छोटे से लेकर बड़ा सारा सामान पूरी तरह अस्त व्यस्त पड़ा हुआ है. हर ओर हर तरफ सिर्फ सामान ही सामान बिखरा पड़ा हुआ है.
हमें किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई- निवासी
यमुना खादर के रहने वाले इन लोगों का कहना है कि रात में अचानक से पानी आ गया हमें कहीं से भी किसी ने सूचना नहीं दी. हमें रात में 2-3 बजे ही भाग कर यहां रोड किनारे आना पड़ा. हर साल की स्थिति यही है. अभी तो टेंट भी नहीं लगाए गए हैं. लक्ष्मी नाम की महिला बताती हैं कि हम यहीं खुले में रहने को मजबूर हो गए हैं. सरकार की ओर से कुछ भी नहीं किया गया है. सिर्फ पानी की व्यवस्था की गई है. सारी खेती में पानी हो गया,सारी खेती मारी गई.
तिरपाल लेकर आए हैं- निवासी
नंद किशोर यमुना खादर मयूर विहार फेज -1 के सामने रहते हैं. उन्होंने कहा, ना तो किसी पुलिस वाले ने सूचना दी ना सरकार की ओर से इस बारे में कुछ कहा गया. किसी भी तरह की कोई सूचना नहीं दी गई. जब हमें मालूम पड़ी तब हम निकल कर आए हैं. रात में जब पानी आ गया तब उसी पानी में से अपना सामान निकाल कर लाए हैं. सरकार की ओर से कोई मदद कुछ भी नहीं मिल पाई. ऐसे ही खुले में तिरपाल लेकर आए हैं क्योंकि अगर बारिश हुई तो इससे बचने के लिए कुछ इंतजाम किया जाए. इसलिए पानी में घुसकर झुग्गियों में से तिरपाल खोलकर लेकर आए हैं.
हर साल जानकारी दी जाती थी इस बार नहीं मिली- निवासी
वहीं, धर्मेंद्र चौधरी का कहना है कि हम भी यहीं के रहने वाले हैं. कालिंदी कुंज का फाटक क्यों बंद है पानी आगे क्यों नहीं जा रहा सरकार की तरफ से कुछ भी नहीं जानकारी मिल रही है. ना मोदी जी की ओर से मिल रहा ना केजरीवाल जी की ओर से. कृष्ण मुरारी बताते हैं कि फसल सारी पानी में डूब गई और हम सुबह 5 बजे तक अपना सामान लेकर रोड पर आए हैं. उन्होंने कहा कि, हर साल हमें जानकारी मिलती थी लेकिन इस बार इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई.
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