मुंबई: नागरिकता संशोधन कानून और NRC के विरोध में मुम्बई से दिल्ली तक 21 दिन की विरोध यात्रा निकाली जाएगी. बीजेपी से कांग्रेस में एंट्री लेने वाले शत्रुघ्न सिन्हा और बीजेपी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने मुम्बई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसका ऐलान किया. 21 दिन की इस यात्रा को गांधी यात्रा नाम दिया गया है. 9 जनवरी को मुम्बई से दिल्ली तक के लिए यह यात्रा निकाली जाएगी. जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार पर कानून वापस लेने का दबाव बनाना है.


यशवंत सिन्हा करेंगे इस यात्रा का नेतृत्व


गांधी यात्रा को हरी झंडी मुम्बई के पोर्टब्लेयर जिसे अब गेटवे ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है, वहीं से दिखाई जाएगी. यात्रा को सफल बनाने के लिए भारी संख्या में राष्ट्र मंच, फ्रेंड्स ऑफ डेमोक्रेसी और अन्य कई युवा छात्र संगठन शामिल होंगे. सभी लोग मुम्बई के गेट वे ऑफ इंडिया पर इकट्ठा होंगे. गांधी यात्रा पहले मुम्बई से शुरू होकर पुणे, सूरत, साबरमती, पोरबंदर, राजस्थान, आगरा, बुलंदशहर होते हुए दिल्ली के राजघाट तक पहुंचेगी. विरोध यात्रा के साथ-साथ लोगों को नागरिकता कानून में बारे में भी जागरूक करने का काम किया जाएगा.


नागरिकता कानून और बीजेपी सरकार के विरोध में निकाली जाने वाली इस यात्रा का समापन 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर किया जाएगा. एबीपी न्यूज़ से इस यात्रा के बारे में बात करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि ''दरअसल, यह यात्रा बीजेपी सरकार के लिए हमारी तरफ से 21 दिन की मोहलत है. यात्रा निकालने के पीछे हमारा केवल एक ही उद्देश्य है कि सरकार ने इस कानून को लेकर जो गलती की है उसे वापस ले, वरना हम भी लाइन क्रॉस करेंगे.'' वहीं शत्रुघ्न सिन्हा ने इस कानून को नोटबंदी पार्ट-2 बताया.


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