जेटली पर फिर बरसे यशवंत सिन्हा, कहा- IAS की नौकरी छोड़ने वाला नौकरी नहीं मांगता
यशवंत सिन्हा ने जेटली पर जमकर हमला बोला है. यशवंत सिन्हा ने कहा जेटली इतिहास देखे बिना कुछ भी बोल रहे हैं. मैंने अर्थव्यवस्था पर जो सवाल उठाएं हैं उनका जवाब कोई नहीं दे रहा है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बीच की कलह अब खुलकर सामने आयी है. कल वित्त मंत्री जेटली ने इशारों में कहा कि 80 साल की उम्र में लोग नौकरी ढूंढ रहे हैं. इस पर यशवंत सिन्हा ने जेटली पर जमकर हमला बोला है. यशवंत सिन्हा ने कहा जेटली इतिहास देखे बिना कुछ भी बोल रहे हैं. मैंने अर्थव्यवस्था पर जो सवाल उठाएं हैं उनका जवाब कोई नहीं दे रहा है.
मैं 12 साल की नौकरी छोड़ कर राजनीति में आया यशवंत सिन्हा ने कहा, ''आज के दिन ये सवाल नहीं है कि मैंने क्या किया ? आज की परिस्थिति पर जो मैंने सवाल उठाए हैं उसका जवाब कोई नहीं दे रहा. जेटली साहब शायद मेरा बैकग्राउंड भूल गए हैं. मैं 12 साल की अपनी आईएएस की नौकरी छोड़ कर राजनीति में आया था. नौकरी छोड़ने वाला आदमी नौकरी नहीं मांगता.''
राज्यमंत्री बनाया जा रहा था नहीं बना उन्होंने कहा, ''1989 में वीपी सिंह सरकार में मुझे राज्यमंत्री बनाया जा रहा था लेकिन मुझे नहीं लगा कि मेरे साथ न्याय नहीं हो रहा है. मैं वीपी सिंह सरकार में राज्यमंत्री नहीं बना. उसके बाद चंद्रशेखर सरकार में मंत्री बना. मैंने जेटली की तरह बिना किसी सदन सदस्य बने बिना राज्यमंत्री नहीं बना.''
इतिहास देखे बिना लोग कुछ भी बोल रहे हैं यशवंत सिन्हा ने कहा, ''मैंने स्वंय 2014 में चुनाव ना लड़ने का निर्णय किया था, मुझे जेटली ने चुनाव लड़ने से मना नहीं किया था. इसलिए ये बात वो ना कहें कि मैं नौकरी ढूंढ रहा हूं. ये लोग इतिहास देखे बिना कुछ भी बात करते हैं. अच्छी बात है मजाक मजाक में काफी कुछ कह गए.''
जब हम चुनौतियों का सामना कर रहे थे तब जेटली कहीं नहीं थे यशवंत सिन्हा ने कहा, ''बाजपेयी सराकर से हटाए जाने के आरोप पर यशवंत सिन्हा ने कहा, ''मुझे बाजपेयी सरकार में वित्त मंत्रालय से हटाकर विदेश मंत्रालय जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी दी गयी. तो यह कहना कि मुझे हटा दिया गया ये गलत है. परमाणु परीक्षण के बाद भारत पर कई तरह के प्रतिबंध लगे मैंने उन सभी चुनौतियों का सामना किया. उस समय जेटली कहां थे.''
मैं नौकरी मांगता तो जेटली यहां नहीं होते इससे पहले यशवंत सिन्हा ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर मैं नौकरी मांगता तो जेटली यहां नहीं होते. यशवंत सिन्हा ये भी कहा कि मेरे लिए राष्ट्रहित से बड़ा कोई हित नहीं है. अगर मेरे सवालों से मेरे बेटे का करियर खत्म होता हो तो खत्म हो जाए.
क्यों आमने सामने हैं जेटली और यशवंत सिन्हा? देश में मंदी के हालात और सरकार की आर्थिक नीतियों पर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अर्थव्यस्था पर सरकार पर सवाल उठाए. अग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में लिखे लेख में यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी आड़े हाथों लिया. यशवंत सिन्हा ने लिखा, ”प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उन्होंने काफी करीब से गरीबी को देखा है, उनके वित्त मंत्री इस बात के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं कि देश का हर नागरिक भी गरीबी को करीब से देखे.” उन्होंने आगे लिखा, ”वित्त ने अर्थव्यवस्था की जो हालत की है उसके खिलाफ अगर मैं अभी नहीं बोलूंगा तो मेरे देश के प्रति कर्तव्य के साथ धोखा होगा. मुझे पता है मैं जो कह रहा हूं इससे बीजेपी के कई लोग भी सहमत होंगे, जो डर की वजह से बोल नहीं पा रहे.”
इस के बाद प्रधानमंत्री मोदी पर एक किताब के विमोचन के दौरान अरुण जेटली ने यशवंत सिन्हा की नाकामियां गिनाते हुए कहा कि कुछ लोग 80 साल की उम्र में नौकरी ढूंढ रहे हैं. अरुण जेटली ने कहा, ''” मुझे लगता है कि आपकी किताब का सटीक शीर्षक होता की 70 साल का भारत, साढ़े तीन साल की मोदी सरकार और 80 की उम्र में रोजगार की तलाश.” इसी के बाद से बीजेपी के दो दिग्गज नेता आमने आमने आ गए हैं. यशवमत सिन्हा के ताजा हमले के बाद अब वित्त मंत्री जेटली के जवाब का इंतजार है.