नई दिल्ली: वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाने के बाद अब कश्मीर नीति को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है. न्यूज़ वेबसाइट द वायर को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि कश्मीर घाटी के लोगों को हम भावनात्मक रूप से गंवा चुके हैं.


यशवंत सिन्हा ने कहा, ''मैंने जम्मू-कश्मीर के आम लोगों में अलग-थलग पड़ने का भाव देखा है. ये बात मुझे सबसे ज्यादा परेशान करती है. हमने वहां के लोगों को भावनात्मक रूप से खो दिया है. कश्मीर घाटी में जाने पर आपको साफ महसूस होगा कि उन्हें हम पर भरोसा नहीं रह गया है.''


सरकार बढ़ा चढ़ कर पेश कर रही है
यशवंत सिन्हा ने ये भी कहा है कि मुद्रा बैंक जैसी योजनाओं की कामयाबी के मोदी सरकार के दावे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुद्रा स्कीम वाजपेयी सरकार के दौरान शुरू की हुई प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना का ही दूसरा नाम है. इसके तहत दिए गए कर्ज की औसत रकम आज सिर्फ 11 हजार रुपये है आप ही बताइए इतनी कम रकम से कौन सा बिजनेस खड़ा हो सकता है?''


प्रधानमंत्री ने मिलने के लिए वक्त नहीं दिया, अब मैं नहीं मिलूंगा
यशवंत सिन्हा ने ये भी कहा कि वो पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर अपनी चिंताएं उन्हें बताना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने 10 महीने पहले मुलाकात का वक्त मांगा था, जो उन्हें अब तक नहीं मिला. उन्होंने कहा, "मैं जब से सार्वजनिक जीवन में आया हूं, राजीव गांधी समेत किसी भी प्रधानमंत्री ने मुझे मुलाकात का वक्त देने से इनकार नहीं किया. ये मेरे अपने प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने मेरे साथ ऐसा बर्ताव किया. इससे मुझे बेहद दुख हुआ है. इसलिए अब अगर कोई मुझे फोन करके बातचीत के लिए बुलाएगा, तो मैं कहूंगा, माफ कीजिए, वो वक्त अब निकल चुका है.''


पहले भी कर चुके हैं हमला
देश में मंदी के हालात और सरकार की आर्थिक नीतियों पर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अर्थव्यस्था पर सरकार पर सवाल उठाए थे. अग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में लिखे लेख में यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने लिखा था, ''प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उन्होंने काफी करीब से गरीबी को देखा है, उनके वित्त मंत्री इस बात के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं कि देश का हर नागरिक भी गरीबी को करीब से देखे.”