नई दिल्ली: झारखंड के रामगढ़ लिंचिंग (पीट-पीट कर हत्या) मामले के दोषियों को सम्मानित किये जाने के बाद मोदी सरकार में मंत्री जयंत सिन्हा विवादों में आ गये हैं. विपक्षी दलों के बाद अब खुद उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने 'नालायक' बेटा कहकर संबोधित किया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ बगावत कर चुके यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘‘पहले मैं लायक बेटा का नालायक बाप था. अब भूमिका बदल गई है. यह ट्विटर है. मैं अपने बेटे की करतूत को सही नहीं ठहराता. लेकिन मैं जानता हूं कि इससे और गाली-गलौज होगी. आप कभी नहीं जीत सकते.’’





वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर रहे हैं. उन्होंने जीएसटी, नोटबंदी, कालाधन जैसे मसलों पर केंद्र की मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. यशवंत सिन्हा बीजेपी छोड़कर अब विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं. वहीं उनके बेटे जयंत सिन्हा बीजेपी में बने हुए हैं और मोदी सरकार में नागर विमानन राज्यमंत्री का काम संभाल रहे हैं.


क्या है मामला?
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने लिंचिंग के दोषियों का स्वागत माला पहनाकर किया है. सभी 11 दोषी हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए हैं. इन्हें निचली अदालत ने 40 साल के अलीमुद्दीन अंसारी  की पीट पीट कर कर हत्या करने के मामले में दोषी करार दिया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अलीमुद्दीन की हत्या पिछले साल 29 जून को झारखंड के रामगढ़ में की गई थी. लिंचिंग में शामिल दोषियों ने अलीमुद्दीन पर बीफ ट्रांसपोर्ट करने का आरोप लगाकर उसकी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था.


विपक्षी दल सवाल पूछ रहे हैं कि कैसे एक दोषी को केंद्रीय मंत्री सम्मानित कर सकते हैं? कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, "यह सिर्फ न्यू इंडिया में हो सकता है, जहां फांसी पर लटकाने के बजाए लोगों को मालाएं पहनाई जा रही हैं." कांग्रेस ने कहा, "बीजेपी नीत केंद्र सरकार के मंत्री पहले दंगों के आरोपियों का सम्मान करते हैं और अब वे लिंचिंग के दोषियों को माला पहना रहे हैं. क्या मोदी सरकार सामाजिक अस्थिरता को तो प्रोत्साहित नहीं कर रही."


सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भारत के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने और घृणा की राजनीति का प्रचार करने के लिए भी बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "हमें यह देखने के लिए दूर जाने की आवश्यकता नहीं है कि कौन-सी विचारधारा हमारे सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ रही है. जब केंद्रीय मंत्री ही लिंचिंग के दोषियों को सम्मानित कर रहे हैं."


सिन्हा की सफाई
जयंत सिन्हा विवादों के बाद अपनी हरकत का बचाव करते दिखे.  उन्होंने कहा कि उन्हें देश की न्यायिक प्रणाली और कानून के शासन में पूर्ण विश्वास है. उन्होंने कहा कि उन्होंने स्पष्ट रूप से हिंसा के सभी कृत्यों की निंदा की, लेकिन उन्हें त्वरित अदालत के फैसले के बारे में गलतफहमी हुई, जिसमें प्रत्येक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.


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