श्रीनगर: अविभाजित कश्मीर के 12वें मीरवाइज की 50वीं बरसी पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने से रोकने के लिए जेकेएफएल के प्रमुख यासीन मलिक को मंगलवार को हिरासत में ले लिया गया. वहीं हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक को भी कल रात नजरबंद कर दिया गया.


मलिक को श्रीनगर के ईदगाह इलाके के दौरे से पहले एहतियाती हिरासत में ले लिया गया. शहर के मध्य इलाके अबी गुजर में स्थित पार्टी कार्यालय से उनको गिरफ्तार किया गया.  मीरवाइज मौलवी मोहम्मद यूसुफ शाह को श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले थे. शाह एक धार्मिक विद्वान थे जिन्होंने सबसे पहले पाक कुरान को कश्मीरी भाषा में प्रस्तुत किया था.


1947 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में निर्वासित होकर जाने वाले शाह का 12 दिसंबर, 1968 में रावलपिंडी में निधन हो गया था. हालांकि उनकी बरसी इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से रमजान के 17वें दिन मनायी जाती है.


अलगाववादियों ने शाह की बरसी पर आली मस्जिद में एक कार्यक्रम के आयोजन की योजना बनायी थी. फारूक को कल रात नजरबंद कर दिया गया और आली मस्जिद जाने से रोक दिया गया.


गिरफ्तारी से पहले मलिक ने कहा, ''हर शांतिपूर्ण गतिविधि पर रोक लगा दी गयी है और यह दमन एक बेहद गंभीर रूप ले रहा है क्योंकि पुलिस शोक सभाओं, सामाजिक कार्यक्रमों यहां तक कि दो लोगों के बीच व्यक्तिगत मुलाकातों को भी रोक रही है.''