Yaas Cyclone: बंगाल की खाड़ी में ऑयल-रिग को कराया गया खाली, 70 मर्चेंट शिप भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए
यास तूफान के खतरे के चलते पूर्वी तट से सटे बंगाल की खाड़ी में मौजूद जितने भी ऑयल-रिग है उन्हें पूरी तरह खाली करा दिया गया है. इसके अलावा 70 मर्चेंट शिप को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया.
यास तूफान के खतरे को देखते हुए पूर्वी तट से सटे बंगाल की खाड़ी में जितने भी ऑयल-रिग है उन्हें खाली करा दिया गया है. इसके अलावा जो 70 मर्चेंट शिप समंदर में थे, उन्हें भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.
कोस्टगार्ड के डिप्टी डीजी ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में बताया कि किसी भी चुनौती से निपटने के लिए कोस्टगार्ड के कुल 20 जहाज और 03 एयरक्राफ्ट इस वक्त बंगाल की खाड़ी में तैनात हैं. कोस्टगार्ड के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (ऑपरेशन्स) के आर सुरेश के मुताबिक, यास तूफान जिस दिशा से गुजर रहा है वहां से सबसे निकटतम ऑयल-रिग और दूसरे ऑफशोर डेवलपमेंट एरिया (ओडीए) करीब 750 किलोमीटर दूर है. लेकिन जिस तरह ताउते तूफान की चपेट में ऑयल रिग और वहां तैनात बार्ज और उस पर मौजूद क्रू आ गया था इसलिए बंगाल खाड़ी की खाड़ी में सभी ऑयल-रिग्स और उनके बार्ज को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.
यास तूफान के अलर्ट के वक्त 70 मर्चेंट शिप बंगाल की खाड़ी में मौजूद थे- डिप्टी डीजी
डिप्टी डीजी, के आर सुरेश के मुताबिक, जब यास तूफान का अलर्ट आया था उस वक्त 256 फिशिंग बोट्स और करीब 70 मर्चेंट शिप बंगाल की खाड़ी में मौजूद थे. इन सभी को कोस्टगार्ड के जहाज और एयरक्राफ्ट्स ने लाउडस्पीकर से उदघोषणा करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है.
के आर सुरेश के मुताबिक, वर्ष 2017 में जब ओखी तूफान ने बंगाल की खाड़ी में दस्तक दिया था उस वक्त पूर्वी तट के मछुआरें पूरी तरह से बिखर चुके थे उसके बाद कोस्ट गार्ड ने तय किया कि एसओपी बनाया जाए जिससे जितना पहले हमने रेस्पॉस लेते हैं उतना आसान होता है.
ताउते ने करीब 1300 किलोमीटर का सफर तय किया
ओखी के बाद 15 तूफान हमारे देश के समुद्री सीमा के करीब आए लेकिन कभी इतना नुकसान नहीं हुआ जितना ताउते से हुआ. उनके मुताबिक, ताउते तूफान की स्पीड बहुत ज्यादा थी और उसने एक लंबा सफर तय किया था, जो करीब 1300 किलोमीटर था. इसके अलावा ताउते लक्षद्वीर सहित करीब आधा दर्जन राज्यों के तटों के करीब से गुजरा, जिससे उसने समंदर के साथ-साथ तटीय इलाकों में भी तबाही मचाई.
कोस्टगार्ड के डिप्टी डीजी के मुताबिक, यास तूफान समुद्र में ही शुरू हुआ और किसी भी तरह से अभी तक जमीनी संपर्क नहीं हुआ है. यास का सफर करीब 750 किलोमीटर का है जो ताउते से लगभग आधा है और स्पीड भी थोड़ी कम है. यास का लैंडफाल ओडिसा के बालासोर में 26 मई यानि बुधवार को होगा.
कोस्टगार्ड के ऑपरेशन्स हेड के मुताबिक, यास तूफान के अलर्ट मिलते ही 19 मई से ही सभी जहाज, एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर्स को अलर्ट कर दिया गया था. हालांकि, 24 मई से ही यास ने एक तूफान की शक्ल ली, लेकिन उससे पहले ही ओडिसा, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार राज्यों में सभी सुरक्षा इंतजाम कर दिए गए थे. इसके अलावा एनडीआरएफ, नौसेना और वायुसेना भी चक्रवात के खिलाफ कमर कस चुके हैं.
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