Yati Narsinghanand Case: अटॉर्नी जनरल (Attorney General) के के वेणुगोपाल (KK Venugopal) ने यति नरसिंहानंद (Yati Narsinghanand) के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. शाची नेल्ली नाम की याचिकाकर्ता ने बताया था कि नरसिंहानंद ने सुप्रीम कोर्ट की छवि बिगाड़ने वाला बयान दिया था. नरसिंहानंद ने कहा था कि उन्हें संविधान पर भरोसा नहीं. यह 100 करोड़ हिंदुओं के संहार के लिए बना है. जो भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पर भरोसा करता है, वह एक दिन कुत्ते की मौत मरेगा.


एजी ने कहा, ‘‘मैंने पाया है कि यति नरसिंहानंद की ओर से दिया गया बयान आम नागरिकों की नजर में शीर्ष अदालत के प्राधिकार को कम करने का सीधा प्रयास है. यह निश्चित तौर पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है. मैं उच्चतम न्यायालय की आपराधिक अवमानना के लिए मुकदमा शुरू करने की अनुमति देता हूं.’’


हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच हुई धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ कथित तौर पर भड़काउ और घृणा भाषण देने के आरोपी नरसिंहानंद (Yati Narsinghanand) फिलहाल न्यायिक हिरासत में रोशनाबाद जेल में बंद हैं.


उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डासना मंदिर के मुख्य पुजारी नरसिंहानंद (Yati Narsinghanand) को उत्तराखंड में गंगा तट पर सर्वानंद घाट से शनिवार रात गिरफ्तार किया गया था. धर्म संसद घृणा भाषण मामले में हरिद्वार में नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी सहित 10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं. मामले की जांच विशेष जांच दल कर रहा है.


नरसिंहानंद पर भारतीय दंड विधान की धारा 341, 504, 506 और 352 के तहत नए आरोप दर्ज किए गए हैं. इससे पहले, धर्म संसद घृणा भाषण मामले में गिरफ्तारी के समय आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 295 (क) और 509 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.


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