गुवाहाटी: उत्तर पूर्व की सात बहनों में एक असम इस साल कई वजहों से चर्चा में रहा. असम में साल 2018 में नागरिकता से जुड़े दो मुद्दों - मूल भारतीयों का पंजी (रजिस्टर) और एक विवादास्पद विधेयक असम में सबसे गर्म मुद्दे रहे. लेकिन राज्य के लिए खुशी के भी कारण रहे, जब एक फिल्म निर्माता और एक एथलीट ने अपने-अपने क्षेत्रों में राज्य का नाम रोशन किया. आज हम आपको ऐसे ही कुछ मुद्दों के बारे में बताते हैं जिनकी वजह से असम इस खूब चर्चा में रहा.
असम में मूल निवासियों से अवैध प्रवासियों की अलग पहचान के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को तैयार किया जाना राज्य में और देश में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहा. एनआरसी के पहले मसौदे का प्रकाशन हुआ जिसमें राज्य में भारतीय नागरिक के तौर पर कुल तीन करोड़ 29 लाख आवेदकों में से एक करोड़ 90 लाख आवेदकों को शामिल किया गया. दूसरा मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित हुआ जिसमें कुल आवेदकों में से दो करोड़ 90 लाख को शामिल किया गया और दस्तावेज में 40 लाख सात हजार लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए.
एनआरसी के दोनों मसौदा के प्रकाशन पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली जिसका अधिकतर राजनीतिक एवं अन्य संगठनों ने स्वागत किया और जो लोग शामिल नहीं किए जा सके उन्हें अधिकारियों ने भरोसा दिया कि उन्हें अपनी पहचान साबित करने के लिए पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे. नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2016 में संसद में विधेयक पेश किया था जिसमें नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन की बात थी ताकि वैसे हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाईयों को भारतीय नागरिकता दी जाए जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक मुद्दों के कारण भागकर 31 दिसम्बर 2014 से पहले भारत आ गए थे. इस विधेयक से राज्य के राजनीतिक दलों के बीच विभेद पैदा हो गया.
राज्य में सबसे दुखद घटना दो युवकों निलोत्पल दास और अभिजीत नाथ की बच्चा चोरी के संदेह में पीट-पीटकर की गई हत्या थी. अफवाहों के बाद कार्बी आंगलांग में बच्चा चोर होने के शक में दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या से तनाव रहा और देश में इस बात पर बहस छिड़ी कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग किस तरह रोका जाए.
बहरहाल, यह वर्ष राज्य के लिए खुशियों के क्षण भी लेकर आया जब फिल्म निर्माता रीमा दास की फिल्म "विलेज रॉकस्टार" को देश की तरफ से ऑस्कर पुरस्कारों के लिए आधिकारिक एंट्री के लिए चुना गया. साथ ही 18 साल की हिमा दास पहली भारतीय महिला बनीं जिन्होंने आईएएएफ में गोल्ड मेडल जीता. वह वर्ल्ड अंडर -20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में फिनलैंड में 400 मीटर दौड़ में प्रथम आईं.