Year Ender 2018: परेशानियां झेलने के बावजूद इंडियन एविएशन ने ऐसे जमाई धाक, अमेरिका से UN तक में हुआ जिक्र
अमेरिका के सिविल एविएशन रेगुलेटरी फेडरल एविएशन एड्मिनिस्ट्रेशन से लेकर संयुक्त राष्ट्र एजेंसी आईसीएओ के आडिट में इंडियन एविएशन ने दमदार मौजूदगी दर्ज कराई. लेकिन कुछ परेशानियों की वजह से डरावनी स्थिति का भी सामना करना पड़ा.
नई दिल्ली: भारतीय एविएशन क्षेत्र में 2018 के दौरान यात्रियों की संख्या में जोरदार वृद्धि हुई इसके बाद भी यह क्षेत्र गलाकाट प्रतिस्पर्धा, एविएशन कंपनियों की कमजोर फाइनेंसियल कंडीशन और तेल की कीमतों में उछाल के चलते संकटों में घिरा रहा. सरकार की अनुकूल नीतियों और समर्थन के साथ भारतीय बाजार यात्रियों की संख्या में 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि के साथ लगातार 51वें महीने दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार बना रहा.
सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को अपनी सेवाओं को लेकर संसद की एक समिति की तीखी आलोचना का शिकार होना पड़ा. निजी क्षेत्र की 25 साल पुरानी जेट एयरवेज साल के दौरान गहरे वित्तीय संकट में फंसी दिखी. इसी तरह सरकारी क्षेत्र की एयर इंडिया का फाइनेंसियल क्राइसिस भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सिविल एविएशन मिनस्टर सुरेश प्रभु से जब अगले साल के लिये उनकी प्राथमिकताओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हम हवाई यात्रा को यथा संभव अधिक से अधिक सुखद बनाने का प्रयत्न करेंगे. हम इसके लिए तमाम बातों पर ध्यान दे रहे हैं."
अमेरिका से यूएन तक इंडियन एविएशन ने जमाई धाक
सिविल एविएशन मंत्रालय ने कहा है कि वह नए साल में एक कंसोलिडेटेड हवाई माल-परिवहन नीति जारी करेगी. इसके अलावा इस क्षेत्र के संबंध में 2040 तक के लिए एक दृष्टि-पत्र जारी किया जाएगा. अमेरिका के सिविल एविएशन रेगुलेटरी फेडरल एविएशन एड्मिनिस्ट्रेशन (एफएए) की आडिट में इंडियन एविएशन क्षेत्र ने टॉप रेटिंग को बरकरार रखा है. जबकि सिविल एविएशन क्षेत्र की संयुक्त राष्ट्र एजेंसी आईसीएओ (अंतराष्ट्रीय सिविल-विमान संगठन) के आडिट में इंडियन एविएशन क्षेत्र की स्थिति में सुधार दर्ज किया गया.
हालांकि इन सब के बावजूद उड़ान के दौरान आसमान में विमान इंजन की खामियां सामने आने से कई बार डरावनी स्थिति पैदा होने से क्षेत्र परेशानियों में रहा. एयरबस के ए320 नीयो विमानों में लगे प्रैट एंड ह्विटनी के इंजनों में बार-बार की खराबी खास कर निजी क्षेत्र की दो एयरलाइनों इंडिगो और गोएयर के लिए सिरदर्द बनी रही. इनके विमानों में कई बार आकाश में इंजन बंद होने की घटनाएं सामने आयीं.
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कुछ वजहों से विमानन कंपनियों को करना पड़ा परेशानियों का सामना
साल के दौरान जेट एयरवेज की एक उड़ान में अंदर वायु-दाब अचानक घटने से 30 यात्रियों को सांस में परेशानी हुई और कुछ यात्रियों की नाक से रक्त-स्राव शुरू हो गया. मंबई के घाटकोपर इलाके में एक निजी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस घटना में पांच लोग मारे गए. साल के दौरान "उड़े देशक का आम आदमी" योजना के तहत कई नए हवाई अड्डे चालू होने से वायु मार्ग नेटवर्क का विस्तार हुआ. लेकिन साल के दौरान एयर ओडिशा, एयर डेकन और जूम एयर- इन तीन एयरलाइनों ने आपनी परेशानियों के चलते सेवाओं की निलंबित कर दिया.
साल के दौरान सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को निजी हाथों में बेचने का प्रयास विफल रहा. कर्ज और घाटे के बोझ में दबी इस एयरलाइन को पूछने वाला कोई सामने नहीं आया. ऐसे में सरकार को एयर इंडिया की उड़ान जारी रखने के लिये नई रणनीति तैयार करने पड़ी और वित्तपोषण के लिये आगे आना पड़ा.
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एविएशन सेवा के लिए इन लक्षयों को किया गया है निर्धारित
सरकार ने कहा है कि वह 'नभ' और 'डिजीयात्रा' जैसी पहल शुरू करने वाली है. नभ में नई पीढ़ी के हवाई अड्डों के विकास के साथ साल में एक अरब हवाई यात्रियों का लक्ष्य है. इसी तरह डिजीयात्रा में यात्रियों को जैविक पहचान का विकल्प दे कर उसके लिए हवाई अड्डे के अनुभव को और अधिक सुखद बनाने का विचार है.
सरकार भारतीय सीमा के अंतर्गन विमानों में इंटरनेट की सुविधा देने की घोषणा कर चुकी है. साल के दौरान ड्रोन के परिचालन के लिए पंजीकरण भी शुरू किया गया. सुरेश प्रभु को उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों तक देश में हवाई यात्रियों की संख्या में वृद्धि दहाई अंक (दस या दस प्रतिशत से अधिक) बनी रहेगी. उन्होंने एक बयान में कहा, 'इस रफ्तार से आने वाले कुछ ही वर्ष में भारतीय एविएशन सेवा कंपनियों का विमान बेड़ा दो गुना हो जाएगा.' इस समय देश में 600 के करीब विमान है. सिक्किम में पाकियांग हवाई पट्टी के चालू होने के साथ साल के दौरान देश में कुल परिचालनरत हवाई अड्डों की संख्या 100 पर पहुंच गयी.
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