Year Ender 2019: साल 2019 खत्म होने वाला है और 2020 दस्तक देने वाला है. हर गुजरा हुआ साल कई तरह के यादें दे जाता है. इस साल भी कई ऐसे बड़े राजनीतिक फैसले हुए जिसने सबको चौंका दिया. आइए साल 2019 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से लेकर विपक्ष तक के उन फैसलों को याद करें जिस पर विवाद भी हुआ और उन्हें बड़ा फैसला माना भी गया.


1- बालाकोट एयर स्ट्राइक


25-26 फरवरी 2019 की रात भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी. इस हमले में कई आतंकी ठिकाने तबाह हुए और सैकड़ों आतंकी मारे गए. ये एक ऐसा मिशन था जिसके बारे में आखिरी लम्हों तक किसी को कोई खबर नहीं थी. हमले के बाद पूरी दुनिया को पता चला कि भारत ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की है. 4 फरवरी को पाकिस्तान स्थिति जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर के पुलवामा सेक्टर में सीआरपीएफ के जवानों के काफिले को निशाना बनाया था. इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसकी जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में जैश के आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे.


तीन तलाक कानून


लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने वादा किया था कि वह अपनी मुस्लिम बहनों को न्याय दिलाएंगे और तीन तलाक पर उनकी सरकार कानून बनाएगी. मोदी सरकार ने अपना वादा पूरा किया और सदन में बिल पास करवाया.इस विधेयक को लोकसभा ने 25 जुलाई और राज्यसभा ने 30 जुलाई को पारित कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही तीन तलाक बिल ने कानून का रूप ले लिया. तीन तलाक देना कानूनन जुर्म हो गया. अब अगर कोई तीन तलाक देता है तो दोषी के लिए तीन साल की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा पीड़ित महिला गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है.


UAPA बिल लेकर आई


केंद्र सरकार इस साल UAPA संशोधन बिल लेकर भी आई. इसे 8 जुलाई को सदन में पेश किया गया और फिर दोनों सदनों में पास होने के बाद यह कानून बन गया. संशोधित कानून के तहत संगठनों के साथ-साथ व्यक्तियों को भी आतंकी घोषित किए जाने का प्रावधान है. इस कानून के तहत केंद्र सरकार ऐसे संगठनों या व्यक्तियों को आतंकी संगठन या आतंकी घोषित कर सकती है, जो


1- आतंकी कृत्य को अंजाम दिए हों या उनमें शामिल हों
2- आतंकवाद के लिए तैयारी कर रहे हों
3- आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हों
4- आतंकवाद में किसी भी तरह से शामिल रहे हों


अनुच्छेद 370 को खत्म किया


मोदी सरकार को इस साल सबसे ज्यादा जिस बड़े फैसले के लिए याद रखा जाएगा तो वह फैसला है अनुच्छेद 370 को खत्म करना. केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर एक पूर्ण राज्य बन गया. इस फैसले के साथ सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया. केंद्र ने जम्मू और कश्मीर को विभाजित करते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम से दो नए केंद्रशासित प्रदेशों का निर्माण किया.


सरकारी बैंकों का विलय


मोदी सरकार ने इस साल सरकारी बैंकों का विलय किया. 30 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने 10 सरकारी बैंकों के विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का एलान किया. 2017 में देश में 27 सरकारी बैंक थे. अब केवल 12 सरकारी बैंक हैं.


मोटर व्हीकल एक्ट लागू


मोदी 2.0 ने एक और बड़ा फैसला जो लिया वो फैसला मोटर व्हीकल एक्ट लागू करना था. इस साल मोदी सरकार 2.0 ने पुराने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर नया मोटर व्हीकल विधेयक पारित किया.1 सितंबर से नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू किया गया.नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना की रकम कई गुना बढ़ा दी गई है.


नागरिकता संशोधन कानून


मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला जो लिया, जिसने सबको चौंका दिया वह नागरिकता संशोधन कानून बनाना था. दरअसल मोदी सरकार ने हाल में ही नागरिकता संशोधन बिल को पारित करवा कर कानूीन का रूप दिया है. इस कानून के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी लोगों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल सकेगी. इस कानून में मुस्लिमों का नाम नहीं होने से देशभर में लगातार विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है.


राहुल गांधी का अध्यक्ष पद से इस्तीफा


इस साल कांग्रेस पार्टी ने भी एक ऐसा फैसला लिया जिसने सबको चौंका दिया. दरअसल कांग्रेस पार्टी इस बार भी लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने से चूक गई. हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. इस फैसले के बाद पार्टी नेताओं की तरफ से उन्हें काफी बार मनाने की कोशिश हुई लेकिन वह नहीं मानें और अंत में सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुना गया.