Goodbye 2022: साल 2022 अब हमसे विदा ले रहा है और नई उम्मीदों से भरा नया साल 2023 हमारी दहलीज पर खड़ा है. 2022 अपने पीछे कई खट्टी-मीठी यादों को छोड़े जा रहा है. इस साल हुए कॉमनवेल्थ खेलों में देश का तिरंगा कई बार लहराया, तो मुलायम सिंह के निधन पर शोक में उसे झुकना भी पड़ा. आज हम भी आपको 10 ऐसी घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो लंबे समय तक सुर्खियों में रहीं. 


इस साल राजनीति जगत में काफी हलचल देखने को मिली. इसी साल सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया. कांग्रेस को 25 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला तो बीजेपी की यूपी-उत्तराखंड और गोवा में वापसी हुई. केजरीवाल की अब दिल्ली के बाहर भी पूर्ण बहुमत की सरकार है. पंजाब जीतकर केजरीवाल राष्ट्रीय स्तर के नेता बन गए हैं.



  1. पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक- साल की शुरुआत में ही पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही सामने आई. 5 जनवरी को प्रधानमंत्री जब पंजाब के दौरे पर थे, तो फिरोजपुर में किसानों ने पीएम मोदी के काफिले को एक पुल पर रोक लिया था. चिंता की बात ये थी कि वहां से पाकिस्तान बॉर्डर महज 20 किमी. की दूरी पर है. पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने इसके लिए फिरोजपुर SSP को जिम्मेदार ठहराया है. अब तमिलनाडु में भी पीएम की सुरक्षा में चूक होने की बात सामने आई है. हालांकि तमिलनाडु के DGP ने इसका खंडन किया है.

  2. कांग्रेस में गैर गांधी को कमान- कांग्रेस पार्टी में लंबे समय से नेतृत्व बदलने की मांग हो रही थी. पार्टी के तमाम नेता इसी के चलते पार्टी छोड़कर चले गए. हालांकि पार्टी ने अब इस कमी को भी पूरा कर दिया है. पार्टी में काफी लंबे समय बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराया गया. इस चुनाव में मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर ने हिस्सा लिया. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खरगे ने शशि थरूर को करारी शिकस्त दी. चुनावों में खरगे को 7,897 वोट मिले. इसी के साथ खरगे पार्टी के दूसरे दलित अध्यक्ष हैं. पार्टी को तकरीबन 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला है. 

  3. कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा'- कांग्रेस पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी 'भारत जोड़ो यात्रा' निकाल रही है. कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने वाली यह यात्रा 150 दिनों तक चलेगी. इस यात्रा में पार्टी नेता 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों की 3,500 किमी की दूरी तय करेंगे. ये यात्रा तकरीबन 375 लोकसभा सीटों को कवर कर रही है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इस यात्रा के जरिए राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की कोशिश की जा रही है.

  4. यूपी-उत्तराखंड में बीजेपी की वापसी- इस साल यूपी और उत्तराखंड सहित पांच राज्यों के चुनाव नतीजों ने देश की राजनीति को एक नई दिशा दी. यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी ने वापसी करते हुए इतिहास रच दिया. उत्तराखंड का इतिहास था कि हर पांच साल में सरकार बदल जाती थी, लेकिन इस बार बीजेपी ने इस इतिहास को बदल दिया. वहीं यूपी में एक बार फिर से योगी का जलवा देखने को मिला. चुनावों में अखिलेश की जातीय घेराबंदी को सीएम योगी ने अपने बुलडोजर मॉडल से तहस-नहस कर दिया. 

  5. पंजाब में आप की सरकार- यूपी-उत्तराखंड के साथ पंजाब में भी विधानसभा चुनाव हुए थे. पंजाब में केजरीवाल की झाड़ू में पूरा विपक्ष साफ हो गया. अब आम आदमी पार्टी की दिल्ली के बाहर भी पूर्ण बहुमत की सरकार है. इस जीत ने केजरीवाल को राष्ट्रीय स्तर का नेता साबित कर दिया है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कांग्रेस को उसकी अंतर्कलह ने डुबो दिया, वरना उसकी हालत इतनी ज्यादा खराब नहीं होती.

  6. रामपुर-आजमगढ़ में खिला 'कमल'- रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ. उपचुनाव में सपा के दोनों अभेद्य किले ध्वस्त हो गए. यहां अब बीजेपी का कमल खिल चुका है. रामपुर में बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने समाजवादी पार्टी के आसिम रजा को करीब 42 हजार मतों से मात दी. वहीं आजमगढ़ से बीजेपी ने भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारा था. निरहुआ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव को हराया.

  7. ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग- वाराणसी का ज्ञानवापी विवाद भी इस साल खूब सुर्खियों में रहा. अदालत के आदेश पर मस्जिद का सर्वे कराया गया. सर्वे में मस्जिद के वजूखाने में कथित शिवलिंग मिलने की घटना ने सियासी पारे को काफी हाई कर दिया. हिंदू पक्ष के मुताबिक कथित शिवलिंग ही आदि विश्‍वेश्‍वर ज्‍योतिर्लिंग हैं, वहीं मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है. फिलहाल कोर्ट ने पूरे परिसर को सील करा दिया है. मामले पर सुनवाई अभी भी जारी है. ये मुद्दा आज भी अखबारों के पहले पन्ने की खबर बनता है. 

  8. नूपुर शर्मा विवाद- ज्ञानवापी केस के दौरान ही बीजेपी से निष्कासित नेता नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद को लेकर टिप्पणी कर दी थी. नूपुर शर्मा के बयान पर देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बवाल मच गया. नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी के लिए पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हुए. सउदी अरब और कतर सहित तमाम मुस्लिम देशों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की. वहीं बीजेपी ने नूपुर शर्मा के विवादित बयान से किनारा करते हुए उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया. 

  9. पीएफआई पर बैन- केंद्र सरकार ने कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन PFI पर बैन लगा दिया. ये संगठन देश में कट्टरता और आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहा था. CAA-NCR से लेकर नूपुर शर्मा तक के मामलों में इस संगठन ने देश के मुसलमानों को भड़काकर दंगे कराने के काम किया. आरोप है कि उदयपुर में हिंदू टेलर कन्हैयालाल और अमरावती के केमिस्ट उमेश की हत्या के पीछे इसी संगठन का हाथ था. दोनों ही घटनाओं में मुस्लिम युवकों ने गला रेतकर हत्या की थी. 

  10. मुलायम सिंह का निधन- सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर को निधन हो गया. मुलायम सिंह यादव ने 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी. मुलायम सिंह यादव अपने राजनीतिक जीवन में 10 बार विधायक चुने गए और 7 बार सांसद भी रहे. वे तीन बार उत्तर प्रदेश के सीएम बने. वह 1996 से 1998 के दौरान देश के रक्षा मंत्री रहे थे. अपनी सरकार में कार सेवकों पर गोली चलवाने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे. 


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