Pune Yerwada jail: महाराष्ट्र के पुणे की यरवदा जेल में कैदियों के दो समूहों के बीच विवाद हुआ है. दोनों समूहों ने एक-दूसरे पर पत्थर से पथराव भी किया. ये पथराव वाली घटना पुराने कैदियों और नए कैदियों के बीच हुई. जेल कैदियों के बीच मारपीट का मामला मंगलवार (8 नवंबर) को दोपहर के बाद का है जब अधिकतर कैदी अपने बैरक से बाहर थे.


दो समूहों के बीच हो रहे पथराव को रोकने के लिए बीच में आए जेल के पुलिस सुरक्षा कर्मी को भी कैदियों की भीड़ ने पीटा, जिसमें दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. यरवदा जेल के हॉस्पिटल सेप्रेट 7 के पास बैरक नंबर 27 से 31 के पास पथराव हुआ.


पुलिसकर्मी हुए घायल
जेल में जब दूसरे पुलिसकर्मी लड़ाई कर रहे कैदियों को अलग करने गए तो कैदियों के एक ग्रुप ने पुलिस को बेरहमी से मारा, इस दौरान दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. घायल पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है. जेल के ही एक अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए ये जानकारी दी.


वर्चस्व को लेकर हुई लड़ाई , 
जेल के बैरक नंबर 27 से 31 के बीच कैदियों के हंगामे, मारपीट और पत्थरबाजी की घटना सामने आई. जेल में इतना बवाल और हंगामा क्यों हुआ, इसकी जांच चल रही है, लेकिन सूत्रों  के हवाले से खबर आयी की जेल में वर्चस्व को लेकर नए कैदियों और पुराने कैदियों के बीच लड़ाई हुई. येरवडा पुलिस स्टेशन में मारपीट के मामले को लेकर  FIR दर्ज की गई. 


दक्षिण एशिया के सबसे बड़ा जेल
पुणे का येरवडा जेल सन् 1871 को बना. ये लगभग 512 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है. ये ना केवल भारत का बल्कि दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल में से एक माना जाता है. अत्यधिक सुरक्षा वाले जेल को कई जोन और बैरक में बाटा गया है. एक आंकड़े के मुताबिक 5000 से अधिक कैदी जेल में बंद है.


हाई सिक्योरिटी सेल
येरवडा जेल में अंडा सेल भी है जो हाई सिक्योरिटी सेल है. इस जेल में आजादी से पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, वीर विनायक सावरकर जैसे स्वतंत्रता सेनानी बतौर कैदी रह चुके है. सन् 1975-77 के आपातकाल के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी को भी हिरासत में लेकर इसी जेल में रखा गया था. 


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