Yes Bank मामला: मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच को लेकर ED के सामने पेश हुए अनिल अंबानी
रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में यस बैंक पर रोक लगा दी थी और जमाकर्ताओं के लिए निकासी की 50,000 रुपये की सीमा तय की थी.बानी की नौ समूह कंपनियों ने यस बैंक से लगभग 12,800 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जिसकी कथित तौर पर वापसी नहीं हो रही है.
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मुंबई: रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी गुरुवार को मुंबई में यस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए. अनुमान है कि जांच एजेंसी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अंबानी का बयान दर्ज किया है. अंबानी सुबह करीब साढ़े नौ बजे ईडी के कार्यालय बल्लार्ड एस्टेट पहुंचे. अंबानी को पहले सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत आधार पर उपस्थिति से छूट मांगी. ईडी ने फिर उन्हें 19 मार्च को पेश होने के लिए नया समन जारी किया.
रिलायंस समूह ने बयान में क्या कहा है?
रिलायंस समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘रिलायंस समूह यस बैंक लिमिटेड से ली गईं सभी उधारियों को अपनी परिसंपत्तियों की बिक्री के जरिए चुकाने के लिए प्रतिबद्ध है.’’ समूह ने कहा कि उसका ‘‘यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर, या उनकी पत्नी या बेटियों, या राणा कपूर या उनके परिवार द्वारा नियंत्रित किसी भी संस्था से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क नहीं है.’’
इस बीच ईडी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए गए कुछ अन्य उद्योगपति तय तारीख पर नहीं पहुंचे. एस्सेल समूह के प्रवर्तक सुभाष चंद्रा को एजेंसी के सामने यह कहते हुए पेश नहीं हुए कि संसद सत्र चल रहा है और जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल एक परिवारिक सदस्य की बीमारी का हवाला देते हुए नहीं गए. चंद्रा संसद सदस्य हैं.
एस्सेल ग्रुप ने 8,400 करोड़ रुपये का ऋण नहीं चुकाया
चंद्रा को जब इस सप्ताह समन मिला, तो उन्होंने कहा था कि वह जांच में सहयोग करेंगे. चंद्रा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से कहा, ‘‘एस्सेल ग्रुप ने कभी भी राणा कपूर या उनके परिवार के साथ या उनके द्वारा नियंत्रित किसी भी निजी संस्थाओं के साथ कोई लेनदेन नहीं किया है.’’ एस्सेल ग्रुप ने कथित रूप से यस बैंक के 8,400 करोड़ रुपये का ऋण नहीं चुकाया है, जबकि बताया जाता है कि जेट एयरवेज को 550 करोड़ रुपये चुकाने हैं.
बताया जाता है कि अंबानी की नौ समूह कंपनियों ने यस बैंक से लगभग 12,800 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जिसकी कथित तौर पर वापसी नहीं हो रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह मार्च को बताया था कि अनिल अंबानी, समूह, एस्सेल, आईएलएफएस, डीएचएफएल और वोडाफोन उन तनावग्रस्त कॉरपोरेट में हैं, जिन्हें यस बैंक ने कर्ज दिया था.
हट चुकी है यस बैंक पर लगी रोक
रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में यस बैंक पर रोक लगा दी थी और जमाकर्ताओं के लिए निकासी की 50,000 रुपये की सीमा तय की थी, जिसके बाद जांच एजेंसी ने कपूर, उनके परिवार और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. ग्राहकों के लिए यस बैंक का सामान्य बैंकिंग परिचालन बुधवार को फिर से शुरू हो गया.
ईडी ने कपूर, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों पर आरोप लगाया कि बैंक के माध्यम से दिए गए बड़े ऋण के बदले में उन्हें कथित रूप से लाभ मिला और ये ऋण बाद में गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में बदल गए. रिलायंस समूह ने पिछले सप्ताह कहा था कि बैंक से लिया गया उसका कर्ज पूरी तरह सुरक्षित था और उसे सामान्य कारोबारी ढंग से लिया गया था.
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