Yes Bank Crisis: आरबीआई ने कहा- देश के बैंकों में लोगों का पैसा सुरक्षित
Yes Bank Crisis: आरबीआई ने कहा कि रिजर्व बैंक सभी खाताधारकों को आश्वस्त करता है कि उनके किसी भी बैंक में जमा धन की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है.
मुंबई: यस बैंक संकट (Yes Bank Crisis) के बाद लोगों के बीच बैंकों को लेकर फैल रही भ्रांतियों पर रिजर्व बैंक ने कहा कि खाताधारकों का पैसा सुरक्षित है और वह सभी बैंकों पर करीब से नजर रख रहा है. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक खातों में जमा धन की सुरक्षा को लेकर फैल रही चिंताएं और भ्रांतियां दोषपूर्ण विश्लेषणों पर आधारित हैं.
केंद्रीय बैंक ने ट्वीट किया, ‘‘खाताधारकों की कुछ बैंकों में जमा राशि की सुरक्षा लेकर मीडिया के कुछ हलकों में चिंताएं जतायी गयी हैं. यह सारी चिंताएं दोषपूर्ण विश्लेषणों पर आधारित हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैंकों की देनदारी निपटाने की क्षमता जांचने का आधार उनका बाजार पूंजीकरण नहीं बल्कि भारि जोखिम पर तुली सम्पत्तियों की तुलना में उनकी पूंजी का आधार होता है.’’
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक सभी बैंकों की निगरानी करता है और इसलिए सभी खाताधारकों को आश्वस्त करता है कि उनके किसी भी बैंक में जमा धन की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है.’’
यस बैंक में वित्तीय संकट के बाद उसमें जमा धन की निकासी पर नियंत्रण लगा दिया गया है. उसके बाद से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास और मुख्य आर्थिक सलाहकार सहित शीर्ष सरकारी अधिकारी चिंतित जमाकर्ताओं और निवेशकों को भरोसा दिलाने के लिए बयान दे चुके हैं.
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय बैंकों का पूंजी आधार मजबूत है और इसलिए चिंतित होने की कोई बात नहीं. किसी बैंक की सेहत का हिसाब उसके बाजार पूंजीकरण और जमा के अनुपात के आधार पर लगाना गलत एक दोषपूर्ण विश्लेषण है.
उन्होंने कहा, “बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञ और नियामक बैंक की पूंजी और उनकी भारांकित जोखिम वाली परि सम्पत्तियों (सीआरएआर) के फॉर्मूले का प्रयोग करते हैं. इस बात को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि आठ प्रतिशत का सीआरएआर अनुपात अंतरराष्ट्रीय मानकों अनुसार सुरक्षित पूंजी आधार है. भारतीय बैंकों के पास भारांकित जोखिम वाले रिणों के 14.3 प्रतिशत के बराबर पूंजी है. इस हिसाब से अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुकाबले करीब 80 प्रतिशत अधिक पूंजी है.”
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय बैंकिंग के लिए नौ प्रतिशत सीआरएआर को अनिवार्य किया है. उन्होंने कहा कि अगर इससे तुलना की जाए तो भी हमारे बैंकों का पूंजी आधार पूंजी पर्याप्तता के लिए सुरक्षित मानी गयी पूंजी से 60 प्रतिशत अधिक है जो बहुत महत्वपूर्ण है.
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