मुंबई: यस बैंक के संस्थापक और पूर्व सीईओ राणा कपूर को लगभग 31 घंटे की पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार सुबह चार बजे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद राणा कपूर को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया जहां कोर्ट ने उन्हें 11 मार्च तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया है. कोर्ट में राणा कपूर के वकील ने कहा कि राना कपूर को कार्डियक समस्या है और इलाज की जरूरत है. वह पिछले तीन दिन से सोए नहीं है. उनका मनोचिकित्सक से ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज चल रहा है. सुबह चार बजे गिरफ्तार किया गया जिसका अरेस्ट मेमो भी नहीं दिया गया. उन्हें मेडिकल बेल दिया जाना चाहिए. साथ ही नींद मिलनी चाहिए और घर का खाना उपलब्ध होना चाहिए.


इस शुरुआती जिरह के बाद ईडी अधिकारी ने पीएमएलए कोर्ट में कहा, "राना कपूर के सभी मेडिकल रिपोर्ट नार्मल हैं. कपूर ने अरेस्ट मेमो पर साइन नहीं किया. रिमांड कॉपी राना के वकील को दी गई है. राना कपूर यस बैंक के संस्थापक और पूर्व सीईओ हैं. सीबीआई डिएचएफएल कंपनी के मालिक वाधवा से पूछताछ कर रही है, उस जांच में अनियमितता के मामले सामने आए हैं. यस बैंक ने डिएचएफएल को 3700 करोड़ का लोन दिया और डिएचएफएल ने 600 करोड़ रुपये डू इट अर्बन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया."


ईडी अधिकारी ने बताया, "इस कंपनी की मालकिन राणा कपूर की बेटियां राधा और रोशनी हैं. डीएचएफएल ने लोन देने के लिए जो गारंटी रखी है उसकी कीमत 40 करोड़ है, लेकिन लोन लेने के लिए जो संपत्ति होनी चाहिए, उसकी कीमत 400 करोड़ होनी चाहिए. जिस संपत्ति को गिरवी रखा गया उसकी कीमत ज्यादा बताई गई. खेती की जमीन को कमर्शियल या रिहायशी दिखाकर लोन लिया गया. राना कपूर की बेटियां राधा कपूर और रोशनी कपूर दोनो कंपनी में 100% मालिक हैं. यह जनता का पैसा है जो राना कपूर ने अपने परिवार के इस्तेमाल के लिए लिया. फंड की जांच करनी है और पूछताछ जरूरी है, जो बयान और दस्तावेज लिए गए हैं, उसकी जांच जरूरी है. पीएमएलए एक्ट के सेक्शन 52 के तहत राना कपूर ने जो बयान दिया है वो सबूत भी हैं."


वहीं ईडी की दलील पर जवाब देते हुए राणा कपूर के वकील ने कहा, "राणा कपूर की तबीयत पिछले एक साल से खराब है और उनका इलाज ब्रीच कैंडी अस्पताल में चल रहा है. डीएचएफएल कंपनी ने 90 हजार करोड़ का लोन देश के अलग-अलग 35 संस्थाओं से लिया है जिसमे एक यस बैंक है. सामाजिक तौर पर राणा कपूर और डीएचएफएल मालिकों के बीच संबंध होना किसी क्राइम का लिंक नहीं हो सकता है. राणा कपूर 14 महीने पहले यस बैंक छोड़ चुके हैं. यह 40 करोड़ गिरवी रखकर डीएचएफएल से 600 करोड़ लोन लिए गए यह आंकड़ा कहां से आया, इसका कोई ऑडिट हुआ है?


इस मामले में अब तक कोई सलाखों के पीछे नहीं गया, लेकिन राणा कपूर को गिरफ्तार किया गया. उनका फोन जब्त किया गया, उनसे पिछले 36 घंटे लगातार पूछताछ हुई. क्या यस बैंक ऑडिट हुआ है, जिसमें इस प्रकार के ट्रांजेक्शन के बारे में पता चला है? राणा कपूर एक जाने-माने नाम हैं, जिन्होंने यस बैंक को नीचे से लेकर ऊपर तक पहुंचाया है. अरेस्ट मेमो सुबह चार बजे दिया गया जिस पर हस्ताक्षर ना करना यह सहयोग का उदाहरण नहीं हो सकता. राणा कपूर की बेटियों की कंपनी डू इट अर्बन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड यह एक परफॉर्मिंग कंपनी है, जो समय पर ब्याज और लोन चुकाती आई है, यह एनपीए भी नहीं है."


बहस के दौरान जब जज ने राणा कपूर से सवाल किया तो राणा ने जवाब दिया, "ईडी की टीम मेरे घर पर 14 घंटे तक रही. इस दौरान मैंने पूरा सहयोग किया. मैंने सात पेज का अपना बयान भी दर्ज कराया. डीएचएफएल एक नामी कंपनी है. मेरी बेटियों ने नामी कंपनी डीएचएफएल से 600 करोड़ रुपये का लोन लिया और अब वह कंपनी बहुत बेहतर कर रही है. समय पर इसकी किस्त चुकाई जाती है. साल 2023 तक पूरा लोन चुका दिया जाएगा. मेरी बेटियों द्वारा चलाई जा रही कंपनी यह वुमन एंटरप्रेन्योरशिप का उदाहरण है. 14 महीने पहले मैं तबीयत खराब होने की वजह से यस बैंक से अलग हुआ था और मेरा अभी भी इलाज चल रहा है. उसके बाद भी मेरी बेटियों की कंपनी ने समय पर लोन की किस्त अदा की है. ब्याज भी समय पर दिया है और कंपनी बहुत अच्छा कर रही है. यह नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट में भी नहीं है. राणा कपूर ने कहा कि मैं देश छोड़कर नहीं भाग रहा हूं. मैं अपना पासपोर्ट एक बार फिर जमा कराने के लिए तैयार हूं."


वहीं जज ने कहा कि मेडिकल के आधार पर कस्टडी ना देना यह संतोषजनक नहीं है. ईडी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि ईडी कस्टडी के दौरान आरोपी का हर तरह से ध्यान रखा जाएगा. पैसों के लेनदेन के मामले में तथ्यों का सामने आना और जांच जरूरी है. जिस तरह के पैसे का मूल्य इसमें शामिल है. इसमें सबूतों से छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता. फिलहाल राणा कपूर ईडी की कस्टडी में है और आने वाले वक्त में उनकी उनकी बेटियों पर भी जांच की गाज गिर सकती है.


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