नई दिल्ली: यस बैंक घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कुल 2203 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति आरंभिक तौर पर जब्त की है. इसमें भारत और विदेशों में अचल संपत्तियां, बैंक खाते, निवेश और लग्जरी वाहन आदि शामिल हैं. ये संपत्ति राणा कपूर, कपिल वधावन और धीरज वधावन और उनके द्वारा नियंत्रित संस्थाओं से संबंधित हैं. ये सब इस घोटाले मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में हैं.


ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि जिन जिन परिसंपत्तियों को जब्त किया गया है उनकी कीमत वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 2800 करोड़ रुपये से ज्यादा है. अधिकारी के मुताबिक इन संपत्तियों मे राणा कपूर और उससे संबंधित संस्थाओं की 792 करोड रुपए की संपत्ति जब्त की गई है जिनका वास्तविक बाजार मूल्य लगभग 14 सौ करोड़ रुपए बताया गया है. इनमें मुंबई के कुंभा हिल स्थित एक स्वतंत्र आवासीय भवन मुर्शिदाबाद शामिल है. इसके अलावा नेपियन सी रोड, मुंबई में तीन डुप्लेक्स फ्लैट्स, नरीमन पॉइंट में आवासीय फ्लैट, आठ फ्लैट्स इंडिया बुल्स ब्लू, वर्ली मुंबई और नई दिल्ली में अमृता शेरगिल मार्ग स्थित एक बंगला भी शामिल है.


ईडी अधिकारी के मुताबिक वधावन बंधुओं की जो संपत्ति जब्त की गई है उनमें विदेशों में मौजूद अचल संपत्तियां भी शामिल है. इन कुल संपत्ति का मूल्य 1411 करोड़ रुपये बताया गया है. इनमें न्यूयॉर्क में एक फ्लैट, लंदन में दो फ्लैट और ऑस्ट्रेलिया में एक व्यावसायिक संपत्ति शामिल है. मुंबई के खार पश्चिम में 12 फ्लैट, पुणे में दो फ्लैट और मुल्शी में दो संपत्तियां शामिल हैं. इसके अलावा पांच लग्जरी वाहनों और 344 बैंक खातों को भी जब्त किया गया है.


यस बैंक घोटाले में आरोप है कि वधावन बंधुओं को तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर 37100 करोड़ रुपये का लोन यस बैंक द्वारा दिया गया और इस लोन के बदले यस बैंक के तत्कालीन चेयरमैन राणा कपूर और उनके परिजनों को फायदा पहुंचा.


आरोप के मुताबिक राणा कपूर और उनके परिजनों को जो फायदा पहुंचाया गया उसमें दिल्ली के अमृता शेरगिल मार्ग स्थित इलाके में एक बंगला भी शामिल है. आरोप के मुताबिक, वधावन बंधुओं ने पैसा उस काम में नहीं लगाया जिस काम के लिए लोन लिया था और यह भी आरोप है कि यह पैसा सेल कंपनियों के माध्यम से दूसरी जगह पर भेज दिया गया. जांच के दौरान ईडी ने इन सभी लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था और इस अभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बताए जाते हैं. सीबीआई भी इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है.


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