प्रयागराज: योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि भारत में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं को बंद कर देना चाहिए और ऐसे लोगों का सामाजिक तिरस्कार करना चाहिए. इससे पहले रामदेव ने कहा था कि जिन लोगों के पास दो से अधिक बच्चे हैं उन्हें मतदान और चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए. उन्हें सरकारी स्कूलों या सरकारी अस्पतालों में प्रवेश भी नहीं दिया जाना चाहिए. उन्हें कोई सरकारी नौकरी नहीं दी जानी चाहिए.


प्रयागराज के कुंभ मेले में पहुंचे रामदेव ने कहा दो से ज्यादा बच्चे पैदा होने से परिवार ही नहीं, बल्कि देश व समाज के लिए भी दिक्कत होती है. समाज के लिए दिक्कत पैदा करने वालों को मिलने वाली फ्री चिकित्सा, शिक्षा व अनुदान जैसी अन्य सुविधाएं पूरी तरह बंद कर देनी चाहिए और उनका सामाजिक तिरस्कार कर देना चाहिए. उन्होंने खुद का उदाहरण भी दिया.


कुंभ मेले में दिव्य प्रेम सेवा मिशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने जातिवादी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लोगों को फटकार लगाई और संतों से इस बारे में पहल करने को कहा. बाबा रामदेव ने कहा कि आम लोगों के साथ ही अब संत समाज में भी जातिवादिता आ गई है. संतों को न सिर्फ इससे दूर रहना चाहिए, बल्कि खुद आगे आकर जातिवादी व्यवस्था का विरोध करना चाहिए.


भारत रत्न
योगगुरु बाबा रामदेव भारत रत्न दिये जाने के फैसलों से भी नाराज हैं. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 70 सालों में किसी भी संन्यासी को भारतरत्न नहीं मिला है. कई संन्यासी ऐसे हैं, जिन्होंने अभूतपूर्व कार्य किए हैं. चाहे वह महर्षि दयानंद सरस्वती हों या स्वामी विवेकानंद, शिवकुमार स्वामी जी. इन सभी संतों ने इतना योगदान दिया है. यह दुर्भाग्य है कि किसी भी संन्यासी को आज तक भारतरत्न से गौरवान्वित नहीं किया गया है.


70 साल में भारत रत्न के लिए सरकार को कोई संन्यासी नहीं मिला- रामदेव


उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मदर टेरेसा को दे सकते हैं, क्योंकि वह ईसाई थीं, लेकिन संन्यासी को नहीं दे सकते, क्योंकि वो हिंदू हैं. इस देश में हिंदू होना गुनाह है क्या? उन्होंने कहा, "मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि अगली बार कम से कम किसी एक संन्यासी को भारत रत्न दिया जाए."