नई दिल्लीः स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव को तमिलनाडु में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक योगेंद्र यादव वहां किसानों के प्रदर्शन में हिस्सा लेने जा रहे थे. योगेंद्र यादव ने इस बारे में ट्वीट में लिखा कि अंततः मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. मेरा अपराध था कि मैं किसानों से उनके घर मिलने जा रहा था. आखिर कानून का राज कहां है?





स्वराज अभियान के नेता ने ट्वीट करके बताया कि उनके साथ हाथापाई भी की गई और जबरन एक पुलिस वैन में बिठा दिया गया. उन्होंने बताया, ' हम यहां 'मूवमेंट अंगेस्ट 8 लेन वे' के निमंत्रण पर आए थे. हमें किसानों से मिलने से रोका गया, हमारे फोन छीन लिए गए, हाथापाई की गई और पुलिस वैन में धकेल कर बिठा दिया गया.'

स्वराज अभियान के नेता ने ट्वीट करके बताया कि उनके साथ हाथापाई भी की गई और जबरन एक पुलिस वैन में बिठा दिया गया. उन्होंने बताया, ' हम यहां 'मूवमेंट अंगेस्ट 8 लेन वे' के निमंत्रण पर आए थे. हमें किसानों से मिलने से रोका गया, हमारे फोन छीन लिए गए, हाथापाई की गई और पुलिस वैन में धकेल कर बिठा दिया गया.'

योगेंद्र यादव ने एक और ट्वीट में बताया कि जब उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा था तब एएसपी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि वो सार्वजनिक प्रदर्शन करने जा रहे थे जिससे सुरक्षा व्यवस्था के बिगड़ने का अंदेशा है. जब योगेंद्र यादव ने एएसपी को ये बताया कि उन्होंने पहले से ही लिखित में दिया हुआ है कि वो कोई सार्वजनिक बैठक या प्रदर्शन नहीं करेंगे और वो इसको आकर जांच सकते हैं. हालांकि इसके बाद भी एएसपी ने कहा कि हमारे पास आपको गिरफ्तार करने के आदेश हैं.


हिरासत में लिए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद योगेंद्र यादव का एक और ट्वीट आया जिसमें बताया गया था कि गिरफ्तारी की औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं और उनके साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें एक स्थानीय किसान चंद्रकुमार और अरुल अरुमुगम शामिल हैं.

योगेंद्र यादव ने इसके अलावा स्वराज इंडिया का एक वीडियो भी रीट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा कि मुझे कहा गया था कि मैं किसानों से उनके घर में मिल सकता हूं और इससे किसी कानून का उल्लंघन नहीं होता है और ये मेरा संवैधानिक अधिकार है. इसके बावजूद पुलिस मुझे गिरफ्तार करना चाहती है. इस देश में पुलिस राज नहीं कानून का राज चलना चाहिए.


योगेंद्र यादव पहले आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से थे और इससे पहले वो काफी मशहूर चुनाव विश्लेषक के तौर पर काम कर चुके हैं. आम आदमी पार्टी में कुछ मतभेद हो जाने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई और इसका नाम स्वराज इंडिया पार्टी रखा.

डीएमके नेता एम के स्टालिन ने ‘मनमाने तरीके से हिरासत’ में लिए जाने की आलोचना की है. स्टालिन ने लिखा कि ‘असहिष्णु’ अन्नाद्रमुक को लोगों के विरोध जताने के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन करने का मूल्य जरूर अदा करना पड़ेगा.