Yogendra Yadav on Election: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों की तरफ से हर रोज नई भविष्यवाणियां की जा रही हैं. हालांकि, सबसे ज्यादा चर्चा योगेंद्र यादव और प्रशांत किशोर के जरिए होने वाली भविष्यवाणी को लेकर है. हालांकि, हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान योगेंद्र यादव ने बताया है कि आखिर उनके और प्रशांत किशोर के आंकलन में क्या अंतर क्या है. उन्होंने ये भी बताया है कि वह किस तरह से चुनावी भविष्यवाणी कर रहे हैं. 


न्यूज तक को दिए इंटरव्यू में योगेंद्र यादव से पूछा गया कि प्रशांत किशोर ने बीजेपी को 303 प्लस सीटें दी हैं. किशोर का कहना है कि योगेंद्र यादव भी यही बात कह रहे हैं. इस पर आप क्या कहेंगे. इसके जवाब में योगेंद्र यादव ने कहा कि मेरे और उनके बीच ये समानता है कि न मेरे पास एग्जिट पोल है और न ही उनके पास. न मैं निष्पक्ष हूं और न वह. उनकी और मेरी अपनी-अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताएं हैं. हम दोनों ईमानदारी से अपना मूल्यांकन रखते हैं. 


सीटों के गणित को लेकर योगेंद्र यादव ने जताई असहमति


योगेंद्र यादव ने कहा कि मेरा और उनका मूल्यांकन एक नहीं हो सकता है. प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि बीजेपी को 300 या उससे ज्यादा सीटें आएंगी, लेकिन मुझे लगता है कि पार्टी को 272 या उससे कम सीटें मिलेंगी. मुझे प्रशांत किशोर से दो-तीन चीजों में असहमति है. मैं कहता हूं कि बीजेपी को एक इलाके में बढ़त मिलेगी, जबकि दूसरे इलाके में उसे नुकसान होगा. हालांकि, प्रशांत को लगता है कि बीजेपी को एक जगह 15-20 सीट की बढ़त होगी, लेकिन बाकी जगहों पर 50 सीटों का नुकसान नहीं होगा. 


राजनीतिक विश्लेषक ने आगे कहा कि मैं उनकी बात से सहमत होता हूं और मान लेता हूं कि 50 की जगह 40 सीटों का नुकसान नहीं होगा. अब अगर 20 बढ़त वाली सीटों से 40 नुकसान वाली सीटों को घटाओ तो हमें 20 सीटें मिलती हैं. मुझे ये समझ नहीं आता है कि जब 20 सीट का नुकसान हो रहा है तो फिर बीजेपी को प्रशांत 20 सीटों का फायदा कैसे दिखा रहे हैं.


प्रशांत किशोर से इस बात पर भी असहमत दिखे योगेंद्र यादव


योगेंद्र यादव ने कहा कि प्रशांत किशोर की 20 सीटों पर बढ़त वाली बात से भी मैं असहमत हूं, क्योंकि सिर्फ कर्नाटक और महाराष्ट्र में ही बीजेपी को उससे ज्यादा सीटों पर नुकसान हो रहा है. मुझे ये भी लगता है कि कर्नाटक, महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक बीजेपी के खिलाफ एक हल्की ही हवा चल रही है.


उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर खुद मान रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का असर अब ज्यादा नहीं है. राम मंदिर का मुद्दा भी प्रभाव नहीं रहा है. मगर वह ये भी कह रहे हैं कि इससे बीजेपी को सीटों का नुकसान नहीं होगा. मुझे इस बात से असहमति है. 


Disclaimer: ऊपर की गई चुनावी भविष्यवाणी राजनीतिक विश्लेषक का निजी आंकलन है, इसका किसी तरह के एग्जिट पोल या सर्वे से कोई संबंध नहीं है. ये गलत या सही भी हो सकता है.


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