Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि बहुमत किसको मिलने वाला है. एक तरफ बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए है तो दूसरी ओर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन. हालांकि, अभी चुनावी नतीजे नहीं आए हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों की तरफ से लगातार सीटों को लेकर भविष्यवाणी की जा रही है. इस बीच योगेंद्र यादव ने एक बार फिर से राजस्थान, गुजरात और यूपी में बीजेपी को लेकर ताजा भविष्यवाणी की है. 


न्यूज तक को दिए एक इंटरव्यू में योगेंद्र यादव ने कहा कि बीजेपी ने कर्नाटक से लेकर बिहार तक पिछले चुनाव में जिस तरह से जीत हासिल की थी. वैसा इस बार नहीं होगा. पार्टी का वोट शेयर 5 से 10 फीसदी गिरेगा. कुछ इलाकों में सीटों का नुकसान भी होगा. उन्होंने ये भी बताया है कि गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पिछली बार बीजेपी ने जैसे क्लीन स्वीप किया था, वैसा इस बार क्यों नहीं होने वाला है. इस बार उसे कितनी सीटों का नुकसान हो सकता है. 


राजस्थान में क्या होगा बीजेपी का हाल?


राजस्थान को लेकर बात करते हुए योगेंद्र यादव ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए. उन्होंने कहा कि राजस्थान में बीजेपी को होने वाला नुकसान एक हिस्से में केंद्रित है. इस राज्य में जहां पहले चरण में चुनाव हुए थे. वहां बीजेपी को नुकसान होगा. गंगानगर से लेकर टोंक तक के इलाके में बीजेपी को नुकसान हुआ है. इसके बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से मंगलसूत्र वाला बयान देखने को मिला. 


राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए इस बार राजस्थान में कांग्रेस ने आरएलपी और सीपीएम के साथ समझौता कर लिया है, जो विधानसभा चुनाव में नहीं किया गया था. मेरा मानना है कि बीजेपी को राजस्थान में आठ सीट का नुकसान होने वाला है. उनका कहना है कि राजस्थान के लोगों के बीच मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा लोकप्रिय नहीं हैं. राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं, जिसमें से 24 पर पिछली बार बीजेपी जीती थी. 


गुजरात में भी कम हुई बीजेपी की धाक!


योगेंद्र यादव ने बताया कि गुजरात में बीजेपी का वोट शेयर गिरेगा, लेकिन सीटों में कमी होने की गुंजाइश बहुत कम है. इसकी वजह ये है कि पिछले चुनाव में जीत का मार्जिन बहुत ज्यादा था. फिर भी बनासकांठा, आनंद और भरूच जैसी सीटों पर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. गुजरात को बीजेपी को दो सीट का नुकसान हो सकता है. बता दें कि पिछले चुनाव में गुजरात की सभी 26 सीटों पर बीजेपी ने भारी अंतर से जीत हासिल की थी. 


यूपी में क्या दिखेगा बड़ा बदलाव?


राजनीतिक विश्लेषक ने बताया कि यूपी में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मुख्यमंत्री उतने अलोकप्रिय नहीं हैं. बीजेपी को यहां फ्री राशन के लिए क्रेडिट दिया जाता है. कानून-व्यवस्था का फैक्टर भी बीजेपी के पक्ष में काम करता है. मगर बीजेपी के सांसदों के बारे में लोगों की राय बिल्कुल अलग है. उन्होंने बताया कि यहां लोगों को लगता है कि स्थानीय मुद्दों को बस योगी-मोदी करके दबाया जा रहा है. लोग अब इसके लिए तैयार नहीं हैं. पहली बार ये भी देखने को मिल रहा है कि बसपा का वोटर अब सपा की ओर रुख कर रहा है. 


योगेंद्र यादव ने बताया कि यूपी में दलितों के भीतर ये मैसेज गया है कि अब बारी संविधान बचाने की है. इसके अलावा कॉमन फैक्टर जैसे महंगाई, बेरोजगारी, किसान की हालत भी प्रमुख हैं. इस सबको मिलाकर देखने पर पता चलता है कि बीजेपी को यूपी में 10 सीटों का नुकसान हो सकता है. बीजेपी को पिछली बार 62 सीटें मिली थीं, जबकि सहयोगियों के साथ एनडीए की सीटों की संख्या 64 थी. बीजेपी ने यहां पर 70 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था, लेकिन ऐसी कोई सूरत नहीं दिख रही है. ऐसे में यहां बीजेपी को 50 से 52 के आसपास ही सीटें मिल सकती हैं. 


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