योगी आदित्यनाथ का एलान, प्रदेश के सभी 75 जिलों में खुलेगी गोशाला
योगी आदित्यनाथ का कहना है कि ये कदम गोसंरक्षण की दृष्टि से उठाया जा रहा है. इन गोशालाओं को चलाने की जिम्मेदारी स्थानीय जनता की ही होगी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का गोप्रेम किसी से छिपा नहीं है. गोरखपुर में महंत रहते हुए वो रोज सुबह उठकर गायों को चारा खिलाते थे. टीवी पर भी कई बार इसकी तस्वीरें देखने को मिली हैं.
योगी आदित्यनाथ अपने इसी गोप्रेम को अब पूरे प्रदेश में विस्तार देने जा रहे हैं. आज विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने एलान किया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक एक गोशाला खोली जाएगी. इसके साथ ही योगी ने कहा कि इन गोशाला को चलाने की जिम्मेदारी स्थानीय कमेटियों यानी जनता की होगी.
विश्व हिंदू परिषद के गोरक्षा विभाग ने पहली बार इस तरह की बैठक आयोजित की. जिसमें देश भर से गोरक्षक बुलाए गए.
लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए योगी ने कहा “ अगर भारतीय संस्कृति को बचाना है तो गाय, गंगा और तुलसी को बचाना होगा. उन्होंने कहा कि लोग गाय का दूध पीते हैं लेकिन बाद में सड़क पर छोड़ देते हैं. योगी ने ये भी बताया यूपी के सभी दिलों में 1000 गोसेवक तैयार किए जायेंगे. इस तरह राज्य में 75000 गोसेवक तैयार हो जायेंगे.
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''गोसंरक्षण की दृष्टि से पहले चरण में 16 नगर निगम और बुंदेलखंड के सात जिलों में एक-एक बड़ी गोशाला के लिए हम लोग पहले ही गोशाला आयोग को कह चुके हैं. हमारे सर्वे के कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं. पहले चरण में हम लोग 22-23 इकाइयों में गोशाला खोलने जा रहे हैं.''
योगी ने कहा, ''गोशाला के संचालन का दायित्व स्थानीय कमेटियां अपने हाथ में लें. मैं तो कहूंगा कि एक गोशाला में जितनी गाय हों उतने परिवारों को सहमत करके उन गायों के चारे की व्यवस्था कराई जाए तो जनता आपके साथ जुड़ेगी. सरकार सारी बुनियादी व्यवस्थाएं कर सकती है लेकिन अगर गोशाला में गाय रखनी है तो उनके चारे की व्यवस्था आपको करनी पड़ेगी. अगर गाय दूध देती है तो कभी-कभी उन परिवारों के घर दूध भी पहुंचा दीजिए.''
आपको बता दें कि यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बस दो ही आयोग का गठन हुआ है, उनमें गोसेवा आयोग भी है. योगी सरकार पहले से बुंदेलखंड के 7 जिलों में गोशाला खोलने की योजना पर काम कर रही है. कई जिलों में गोतस्करों पर गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई हो चुकी है.