नई दिल्ली: पूर्वोत्तर में बीजेपी की धमाकेदार जीत के बाद विरोधियों में खलबली मची है. कहीं तीसरे मोर्चे की बात हो रही है तो कहीं धुरविरोधी साथ आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में दो सीटों पर लोकसभा उपचुनाव में एसपी-बीएसपी का गठबंधन भी ऐसा ही है.


मायावती और अखिलेश यादव के इस साथ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा हमला बोला है. योगी ने गठबंधन की तुलना सांप औऱ छुछुंदर से की है. डोहरिया की रैली में योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''जैसे बाढ़ आने पर सांप और छछुंदर आपस में आ साथ जाते हैं, वैसे ही ये लोग हैं कि चुनाव में साथ आये हैं, इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. ये सपा और बसपा की डील है, जो प्रदेश के विकास को रोकने के लिए हुई है. आज सपा बसपा की गुंडई नहीं चल रही है इसीलिए ये साथ आ रहे हैं.''


योगी ने कहा कि इस उपचुनाव से सरकार पर असर पड़ने वाला नहीं लेकिन ये चुनाव संदेश देने का चुनाव है. ये सपा और बसपा अपने क्षेत्र के विकास तक सीमित थे, ऐसे में जो आपके बारे में नहीं सोचता आप उसके लिए क्यों सोचेंगे?


गठबंधन को बताया था- केर-बेर का संग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल एसपी-बीएसपी गठबंधन को लेकर पूछे सवाल पर कहा, ''कह कबीर कैसे निभे केर बेर का संग, और मुझे लगता है कि जो मैं कह रहा हूं वही सही साबित होगा.' उपचुनाव पर योगी ने कहा कि कोई दबाव नहीं है इससे पहले सिकंदरा जीते हैं, गोरखपुर और फूलपर भी जीतेगें.


क्या है इस दोहे का अर्थ?
योगी ने जिस दोहे का प्रयोग किया उसमें केर यानी केले के पेड़ और बेर यानी बेर के पेड़ का जिक्र है. बेर के पेड़ में बहुत सारे कांटे होते हैं और केले के पत्ते बहुत नाजुक होते हैं. इन दोनों की दोस्ती कभी नहीं हो सकती. क्योंकि बेर के कांटे से केले के नाजुक पत्ते को हमेशा नुकसान ही होता है.


योगी आदित्यनाथ से जब यह पूछा गया कि केर कौन है और बेर कौन है? तो उन्होंने कहा कि स्टेट गेस्ट हाउस कांड और स्मारकों को ध्वस्त करने की धमकी कौन लोग देते रहे हैं. इससे आप अनुमान लगा सकते हैं केर कौन है और बेर कौन है.