लखनऊ: ऐसा कभी कभार ही होता है, जब दस साल पहले किसी ने कोई वादा किया और फिर उसे निभाया भी. वादा करने वाला अगर किसी राज्य का मुख्यमंत्री बन गया हो तो और भी अचरज होता है. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसा ही किया है. अपराजिता से 10 साल पहले किया वादा निभाने वे वाराणसी पहुंच गए. उन्हें आशीर्वाद दिया और घर पर सबसे मिले और साथ बैठ कर खाना खाया. 28 नवंबर को अपराजिता की शादी है. सीएम योगी उस दिन गुजरात में चुनाव प्रचार करेंगे. इसीलिए अपराजिता के तिलक समारोह में परिवार का संरक्षक बन कर उन्हें आशीर्वाद दिया.


अपराजिता के परिवार और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के इस रिश्ते को समझने के लिए दस साल पीछे जाना पड़ेगा. अपराजिता के चाचा श्रीराम सिंह 2002 से 2010 तक गोरखपुर में आरएसएस के प्रचारक रहे. इस दौरान वहां के सांसद योगी आदित्यनाथ से उनकी दोस्ती हो गई. श्रीराम के बड़े भाई सभाजीत सिंह की 6 जुलाई 2007 को गाजीपुर के मंझनपुर गांव में हत्या हो गई. इस घटना के बाद योगी गाजीपुर गए. वहां उन्होंने सभाजीत की दोनों बेटियों प्रियंका और अपराजिता के साथ-साथ बेटे राघवेंद्र की जिम्मेदारी ले ली.


परिवार के सुख-दुःख को सीएम योगी ने अपना बना लिया. योगी जहां और जैसे रहे सभाजीत के बच्चों का हाल चाल लेते रहे. पिछले साल जब अपराजिता के दादा का देहांत हुआ तब भी दुःख की घड़ी में योगी परिवार के साथ थे. पांच साल पहले जब सभाजीत की बड़ी बेटी प्रियंका का ब्याह हुआ तब भी योगी आदित्यनाथ साथ थे.


निकाय चुनाव के प्रचार के लिए यूपी के मुख्यमंत्री इन दिनों तुफानी दौरे पर हैं. उन्हें गुजरात में भी प्रचार के लिए जाना है. लेकिन इसके बावजूद 22 नवंबर को वे वाराणसी पहुंच गए. उस दिन अपराजिता का तिलक समारोह था. योगी ने अपना वादा निभाते हुए अपराजिता को आशीर्वाद दिया. 28 नवंबर को उनकी शादी है और खबर है कि गुजरात चुनाव प्रचार से लौट कर योगी आदित्यनाथ वर-वधू को एक साथ आशीर्वाद देंगे.